Samachar Post डेस्क, रांची :10 नवंबर को हुए आत्मघाती कार ब्लास्ट की जांच में खुफिया एजेंसियों को चौंकाने वाले खुलासे मिले हैं। जांच में पता चला कि आतंकी मॉड्यूल ने पांच लाख रुपये से अधिक में AK-47 राइफल खरीदी और विस्फोटकों को सुरक्षित रखने के लिए डीप फ्रीजर का इस्तेमाल किया।
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बरामद सामग्री और हथियार
आरोपी डॉ. मुझम्मिल ने फरीदाबाद से पकड़े जाने से पहले 2,500 किलोग्राम से अधिक अमोनियम नाइट्रेट जमा किया। पांच लाख रुपये से अधिक की AK-47 राइफल खरीदी, जो बाद में आरोपी अदील के लॉकर से बरामद हुई।
विस्फोटक बनाने की योजना
आरोपी डॉ. उमर बम बनाने के वीडियो और मैनुअल ऑनलाइन देख रहा था। बम बनाने में इस्तेमाल होने वाले रसायन नूंह और इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स फरीदाबाद और भागीरथ पैलेस से जुटाए गए। विस्फोटक मिश्रण को सुरक्षित और स्थिर रखने के लिए डीप फ्रीजर का इस्तेमाल किया गया।
मॉड्यूल की संरचना और हैंडलर
खुफिया एजेंसियों के अनुसार, प्रत्येक आरोपी का अलग हैंडलर था। दो सीनियर हैंडलर, मंसूर और हाशिम, मॉड्यूल की गतिविधियों की निगरानी कर रहे थे। जांच में संकेत मिले हैं कि मॉड्यूल ने कई स्थानों पर विस्फोटक जमा करके एक साथ कई हमलों की योजना बनाई थी। बरामद सामग्री और डिजिटल साक्ष्यों से यह स्पष्ट हुआ कि मॉड्यूल की तैयारी बेहद व्यवस्थित और तकनीकी थी। खुफिया एजेंसियां मामले की गहन जांच कर रही हैं।
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