Samachar Post डेस्क, रांची : देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस बी. आर. गवई ने सोमवार को अदालत में सुनवाई के दौरान सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों और फर्जी वीडियो पर कड़ी टिप्पणी की। CJI गवई ने कहा कि जज सोशल मीडिया पर हो रही गतिविधियों से पूरी तरह वाकिफ हैं। उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ भी एक मॉर्फ्ड वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें गलत तरीके से दिखाया गया कि किसी ने उनके कोर्ट रूम में जूता फेंका।
CJI ने AI और डिजिटल दुरुपयोग पर जताई चिंता
जस्टिस गवई ने कहा कि AI और डिजिटल उपकरणों का दुरुपयोग न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। यह टिप्पणी जनहित याचिका (PIL) की सुनवाई के दौरान आई, जिसमें केंद्र सरकार से न्यायपालिका में AI के उपयोग को रेग्युलेट करने के लिए नीति बनाने की मांग की गई थी।
यह भी पढ़ें: झारखंड हाई कोर्ट ने रांची की दो जनसमस्याओं पर लिया स्वत: संज्ञान, सरकार से मांगा जवाब
याचिका में क्या कहा गया?
अदालतों में AI तकनीक का तेजी से इस्तेमाल बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ कई जोखिम और कमियाँ जुड़ी हैं। याचिकाकर्ता ने बताया कि जेनरेटिव AI (GenAI) नया डेटा और झूठी कानूनी जानकारी तैयार कर सकता है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में भ्रम फैल सकता है। केंद्र सरकार से AI और GenAI के उपयोग के लिए स्पष्ट कानून या नीति बनाने की मांग की गई।
सुनवाई की अगली तारीख
CJI गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद निर्धारित की है।
Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।