Samachar Post डेस्क,पटना :बिहार चुनाव के नतीजे सामने आने के तुरंत बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को पार्टी से निलंबित कर दिया। पार्टी की ओर से जारी पत्र में कहा गया कि सिंह की लगातार विवादित और पार्टी लाइन से अलग बयानबाजी को देखते हुए यह कदम आवश्यक था।
यह भी पढ़ें :हजारीबाग में खाली घर से 25 लाख के जेवर और नकदी चोरी, चोर फरार
विवादित बयानों का सिलसिला
पिछले कुछ हफ्तों से आरके सिंह NDA नेतृत्व और बिहार सरकार पर तीखे आरोप लगा रहे थे। उन्होंने कई मंचों पर गठबंधन के कुछ उम्मीदवारों की साख पर सवाल उठाए और कहा, ऐसे लोगों को वोट देने से अच्छा है, चुल्लू भर पानी में डूब मरना।राजनीतिक हलकों में इस टिप्पणी ने भारी हलचल मचा दी।
नीतीश सरकार और नेताओं पर आरोप
सबसे बड़ा विवाद तब सामने आया जब सिंह ने बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, जेडीयू नेता अनंत सिंह और RJD के सूरजभान सिंह को खुले तौर पर हत्या का आरोपी कहा। उनका कहना था कि अपराधीकरण को बढ़ावा देने वाले चेहरे जनता का प्रतिनिधित्व करने लायक नहीं हैं। साथ ही उन्होंने नीतीश सरकार पर 62,000 करोड़ रुपये के बिजली घोटाले का आरोप भी लगाया। सिंह का दावा है कि अडाणी समूह के साथ बिजली खरीद समझौता जनता के साथ धोखा है, जिसमें बड़े स्तर पर वित्तीय अनियमितताएं हैं।
बिजली समझौते में वित्तीय असमानताएं
आरके सिंह ने सोशल मीडिया पर दस्तावेज जारी कर बताया कि NTPC मॉडल में प्रति यूनिट फिक्स चार्ज 2.32 रुपये आता, जबकि सरकार ने इसे 4.16 रुपये मंज़ूर किया। इसका मतलब प्रति यूनिट 1.84 रुपये का अतिरिक्त बोझ, जो भविष्य में हजारों करोड़ की अनियमितताओं का मार्ग खोल सकता है। सिंह ने लिखा, भ्रष्टाचार पर चुप रहना हमारे संस्कार में नहीं है।
BJP का बयान
पार्टी का कहना है कि गठबंधन नेतृत्व पर लगातार हमले और पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले बयान के कारण उनकी सदस्यता समाप्त की गई। यह कार्रवाई बिहार की राजनीति में चुनावी जीत के बीच नया तनाव जोड़ रही है।
Reporter | Samachar Post