Samachar Post डेस्क, रांची :सरकारी दफ्तरों में अब ईमेल सर्विस के लिए Zoho Mail का इस्तेमाल किया जाएगा। Ministry of Electronics and Information Technology (MeitY) ने मौजूदा National Informatics Centre (NIC) ईमेल सिस्टम से माइग्रेशन के लिए जोहो को चुना है। फिलहाल करीब 33 लाख सरकारी कर्मचारी NIC ईमेल प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर्ड हैं। सरकार लंबे समय से एक सुरक्षित और भरोसेमंद क्लाउड सर्विस की तलाश में थी, और Zoho ने सभी मानकों पर खरा उतरते हुए यह जिम्मेदारी हासिल की है।
यह भी पढ़ें :भारत ने वेस्टइंडीज को 7 विकेट से हराया, गिल की कप्तानी में सीरीज 2-0 से अपने नाम
Zoho ने जीता सरकारी टेंडर
MeitY ने NIC ईमेल सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए टेंडर जारी किया था, जिसमें कई दिग्गज कंपनियों ने हिस्सा लिया। गहन जांच और मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद Zoho ने यह कॉन्ट्रैक्ट अपने नाम किया। Zoho के को-फाउंडर Sridhar Vembu ने बताया कि कंपनी को 15 से 20 बार तक ऑडिट से गुजरना पड़ा।उन्होंने कहा ,हमारे कोड्स, डेटा सेंटर्स और सिक्योरिटी सिस्टम्स की बारीकी से जांच हुई।
पारदर्शी चयन प्रक्रिया
वेम्बू ने साफ किया कि यह फैसला किसी राजनीतिक दबाव का नतीजा नहीं था। “जोहो का चयन पूरी तरह तकनीकी और पारदर्शी प्रक्रिया पर आधारित था। यह स्वदेशी टेक्नोलॉजी में बढ़ते विश्वास का संकेत है।”
उन्होंने बताया कि करीब 15 लाख सरकारी यूजर्स पहले ही Zoho पर शिफ्ट हो चुके हैं और बाकी कर्मचारियों का माइग्रेशन तेजी से जारी है।
मेक इन इंडिया टेक्नोलॉजी को बढ़ावा
MeitY के सचिव एस. कृषणन ने कहा, हमारा उद्देश्य किसी एक कंपनी को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि भारतीय टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम को मजबूत बनाना है। सरकार चाहती है कि ईमेल जैसी संवेदनशील सेवाओं में अधिकतम भारतीय समाधान अपनाए जाएं।
प्राइवेट सेक्टर में भी बढ़ी मांग
Zoho Mail का उपयोग केवल सरकारी विभागों में ही नहीं, बल्कि निजी कंपनियों में भी तेजी से बढ़ रहा है। जुलाई में हुए ग्लोबल डेटा लीक के बाद सरकार ने सभी कर्मचारियों को @mail.gov.in डोमेन पर माइग्रेट करने की सलाह दी थी, जिसे अब Zoho ऑपरेट कर रहा है।
Reporter | Samachar Post