Samachar Post रिपोर्टर,चाईबासा पश्चिमी : सिंहभूम झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में मंगलवार को सारंडा को वन्यजीव अभ्यारण्य (वाइल्ड लाइफ सेंचुरी) बनाए जाने के प्रस्ताव के विरोध में हजारों की संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग सड़कों पर उतरे। विभिन्न सामाजिक संगठनों के बैनर तले निकाली गई इस जन आक्रोश रैली में आदिवासियों ने सरकार के फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की। रैली चाईबासा के गांधी मैदान से शुरू होकर उपायुक्त कार्यालय तक पहुंची, जहां प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। इसके बाद आंदोलनकारी गीतिलिपी चौक (टाटा कॉलेज मोड़) पर पहुंचे और सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन जारी रखा।
रैली का नेतृत्व बुधराम लागुरी ने किया
इस रैली का नेतृत्व आदिवासी मुंडा समाज विकास समिति के केंद्रीय अध्यक्ष बुधराम लागुरी ने किया। उन्होंने कहा, सारंडा सिर्फ जंगल नहीं, यह हमारे जीवन की धारा है। इसे किसी भी कीमत पर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी नहीं बनने देंगे।” लागुरी ने बताया कि सारंडा वन क्षेत्र में लगभग 50 राजस्व ग्राम और 10 वन ग्राम बसे हैं, जहां करीब 75 हजार आदिवासी लोग रहते हैं। यह लोग जंगल से सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक रूप से जुड़े हुए हैं। यहाँ के सरना, देशाउली, ससनदिरी और मसना जैसे पवित्र स्थल आदिवासी पहचान और संस्कृति के प्रतीक हैं।
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आजीविका और संस्कृति पर खतरा
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि सारंडा को अभ्यारण्य घोषित किया गया, तो यहां के लोगों की रोज़गार, धार्मिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक अस्तित्व पर गहरा असर पड़ेगा। उन्होंने बताया कि जंगल से मिलने वाले लघु वनोपज, जड़ी-बूटियां और खनन कार्य स्थानीय लोगों की मुख्य आजीविका के साधन हैं।
संविधान की पांचवीं अनुसूची का उल्लंघन
संगठनों ने सरकार के इस प्रस्ताव को संविधान की पांचवीं अनुसूची का उल्लंघन बताया, जो आदिवासी क्षेत्रों के अधिकारों और संरक्षण की गारंटी देती है। उन्होंने राज्यपाल से इस प्रस्ताव को तत्काल रोकने की मांग की, अन्यथा राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी।
पारंपरिक वेशभूषा में उमड़ा जनसैलाब
इस विरोध रैली में कोल्हान रक्षा संघ, आदिवासी मुंडा समाज विकास समिति समेत कई संगठनों के सदस्य पारंपरिक वेशभूषा और हथियारों के साथ शामिल हुए। पूरा चाईबासा शहर “सारंडा हमारा है, इसे नहीं बनने देंगे सेंचुरी” जैसे नारों से गूंज उठा।
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मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।