Samachar Post रिपोर्टर, रांची: राजधानी से सटे बेड़ो थाना क्षेत्र के मुड़ामु गांव में दिवाली की रात हुए सोमा उरांव हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर लिया है। इस मामले में आरोपी मंतोष महतो (33 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी उसी गांव का निवासी है। पुलिस ने उसके पास से सिल्वर रंग की पिस्टल, 7.65 एमएम के छह खोखे, दो क्षतिग्रस्त बुलेट और खून से सनी जींस जब्त की है।
गवाही को लेकर विवाद
पुलिस पूछताछ में मंतोष महतो ने अपना अपराध स्वीकार किया। उसने बताया कि उसके भाई दिलीप उरांव की हत्या में सोमा उरांव का हाथ था। इस मामले में मंतोष गवाह था, जिससे सोमा नाराज था। कथित तौर पर सोमा ने कई बार मंतोष और उसकी पत्नी को गवाही देने से रोकने के लिए धमकाया और जान से मारने की चेतावनी दी। इन धमकियों से परेशान होकर मंतोष ने तय किया कि सोमा उसे मारने से पहले ही समाप्त कर देगा।
दिवाली की रात की वारदात
सोमा उरांव अपने पिता फगुवा उरांव और कुछ साथियों के साथ गांव में जुआ खेल रहा था। इसी दौरान मंतोष महतो वहां पहुंचा और दोनों हाथों में हथियार लिए बिना कुछ बोले सोमा पर गोलियां बरसा दीं। गोलीबारी में सोमा की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसके पिता फगुवा उरांव गंभीर रूप से घायल हो गए। मंतोष ने वहां मौजूद लोगों को धमकाया कि अगर किसी ने कुछ बताया तो अंजाम वही होगा, और वारदात के बाद वह फरार हो गया।
पुलिस की कार्रवाई
घटना के बाद पुलिस ने एसएसपी राकेश रंजन के निर्देश पर रूरल एसपी प्रवीण पुष्कर के नेतृत्व में और बेड़ो डीएसपी अशोक कुमार राम की देखरेख में विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया। टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मंतोष महतो को गिरफ्तार किया। जांच में यह भी सामने आया कि मंतोष का आपराधिक इतिहास रहा है और उसके खिलाफ 2012 और 2016 में आर्म्स एक्ट और हत्या के मामले पहले से दर्ज हैं।
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मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।