Samachar Post डेस्क, रांची :हरियाणा में एक बड़ी खबर सामने आई है। हरियाणा पुलिस के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) वाई पूरन कुमार ने मंगलवार दोपहर चंडीगढ़ स्थित अपने साले के सेक्टर-11 वाले घर के साउंडप्रूफ बेसमेंट में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मौके से 9 पन्नों का सुसाइड नोट बरामद किया है, जिसमें कई वर्तमान और पूर्व आईपीएस अधिकारियों के नाम होने की बात सामने आई है। प्रारंभिक जांच में इसे आत्महत्या का मामला माना गया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने अपने गनमैन की सर्विस रिवॉल्वर से खुद को सिर में गोली मारी। सुसाइड नोट की फॉरेंसिक जांच के बाद ही इसकी सामग्री सार्वजनिक की जाएगी।
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घटना की पूरी टाइमलाइन
मंगलवार दोपहर करीब 2 बजे उनकी छोटी बेटी ने बेसमेंट में जाकर देखा तो वह खून से लथपथ सोफे पर पड़े थे। बेटी ने तुरंत सिक्योरिटी स्टाफ को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। बुधवार को उन्हें पुलिस ट्रेनिंग सेंटर, सुनारिया (रोहतक) में प्रमुख पदभार संभालना था।
कौन थे वाई पूरन कुमार
वे मूल रूप से आंध्र प्रदेश के रहने वाले और अनुसूचित जाति समुदाय से आते थे। बी.ई. (कंप्यूटर साइंस) और भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद से स्नातक की डिग्री पूरी हुई। 2001 बैच के हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी बने । सिस्टम में अनियमितताओं को उजागर करने और स्पष्टवादिता के लिए पहचाने जाते थे। पत्नी आईएएस अधिकारी हैं और घटना के वक्त जापान दौरे पर थीं। बड़ी बेटी विदेश में पढ़ाई कर रही है, जबकि छोटी बेटी परिवार के साथ चंडीगढ़ में रहती थी।
रिश्वत के आरोप की पृष्ठभूमि
नरेंद्र बिजारनिया (SP रोहतक) के मुताबिक, सोमवार को एक शराब कारोबारी की शिकायत पर हेड कांस्टेबल सुशील कुमार को गिरफ्तार किया गया था।आरोप: सुशील हर महीने ₹2.5 लाख की रिश्वत कारोबारी से मांग रहा था। दावा ये है की वह यह रिश्वत वाई पूरन कुमार के नाम पर मांग रहा था। पुलिस ने शिकायत और वीडियो फुटेज के आधार पर एफआईआर दर्ज कर सुशील को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
जांच जारी
पुलिस का कहना है कि सुसाइड नोट की फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी। फिलहाल परिवार और अधिकारियों के बयान लिए जा रहे हैं। इस मामले ने हरियाणा पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है।
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