Samachar Post रिपोर्टर, रांची : झारखंड के पोटका प्रखंड की दो युवतियों को तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले स्थित एक फैक्ट्री में बंधक बनाए जाने का मामला सामने आया है। यह घटना सामाजिक और राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र बन गई है, और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले पर संज्ञान लिया है।
परिवार ने लगाई सुरक्षा की गुहार
पोटका प्रखंड के बायंगबिल गांव निवासी कृष्णा जोंको ने उपायुक्त को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि उनकी बेटी पानी जोंको (18 वर्ष) और भांजी सुकवती लेयांगी (18 वर्ष) को जुलाई में एक रिश्तेदार के साथ A Unit of KPR Mill Limited (Quantam Krits) में काम करने के लिए तमिलनाडु भेजा गया था। परिवार का कहना है कि शुरुआत में दोनों युवतियों ने काम किया, लेकिन कुछ समय बाद नौकरी छोड़ने की इच्छा जताई। इसके बाद कंपनी प्रबंधन ने उन्हें जबरन रोक लिया और घर लौटने नहीं दिया। कई बार अनुमति मांगने के बावजूद कंपनी ने उनकी बात नहीं मानी और उन्हें बंधक बना लिया।
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विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
पोटका विधायक संजीव सरदार ने सोशल मीडिया के जरिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टैग करते हुए इस मामले में युवतियों की सुरक्षा और जल्द वापसी की मांग की। उन्होंने ट्वीट में लिखा यह मामला गंभीर है। दोनों युवतियों को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए राज्य सरकार को तत्काल कदम उठाना चाहिए।
मुख्यमंत्री का संज्ञान और पुलिस को निर्देश
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मामले पर तुरंत संज्ञान लिया और झारखंड पुलिस को निर्देश दिया, @JharkhandPolice अविलंब संज्ञान लें। @migrantcell_JH मामले में पुलिस के सहयोग से बच्चियों के सकुशल वापसी एवं उनके पुनर्वास हेतु हर जरूरी कदम उठायें।
मामले की वर्तमान स्थिति
झारखंड पुलिस और माइग्रेंट सेल की टीम इस घटना की जांच में जुटी हुई है। दोनों युवतियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें जल्द से जल्द घर लौटाने के लिए कार्रवाई जारी है।
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मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।