Samachar Post रिपोर्टर, रांची : झारखंड सरकार ने राज्य के विभिन्न विभागों में काम कर रहे हजारों आउटसोर्स कर्मियों को मानदेय वृद्धि और बेहतर सेवा शर्तों का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। पांच माह बीतने के बाद भी सरकार की यह घोषणा केवल कागज़ों तक सीमित रह गई है।
क्या है पूरा मामला?
22 मई 2025 को कैबिनेट ने “झारखंड प्रोक्योरमेंट ऑफ गुड्स एंड सर्विस मैन्युअल” को मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य आउटसोर्स कर्मियों के वेतन और सेवा शर्तों को पारदर्शी बनाना था। इसके तहत वित्त विभाग के विशेष सचिव अमित कुमार की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी में शामिल थे, जैप आईटी के CEO, कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग के संयुक्त सचिव आसिफ हसन, श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के उप सचिव रेज्युस बाढ़ लेकिन पांच महीने गुजर जाने के बाद भी कमेटी की कोई बैठक नहीं हुई। वित्त विभाग के विशेष सचिव अमित कुमार के अनुसार, बैठक स्थगित हुई क्योंकि जैप आईटी के CEO का पद वर्तमान में रिक्त है, जबकि उनका मंतव्य और सुझाव मानदेय निर्धारण के लिए अनिवार्य है।
यह भी पढ़ें : गुमला : सिसई रोड बाजार हाट सुधार कार्य में देरी, स्थानीय लोगों ने जताई नाराजगी
वर्षों से नहीं बढ़ा वेतन
राज्य में लगभग 15,000 से 20,000 आउटसोर्स कर्मी कार्यरत हैं जैसे कंप्यूटर ऑपरेटर, डेटा एनालिस्ट, प्रोग्रामर, वाहन चालक, सफाईकर्मी आदि। इन कर्मियों को वर्षों से पुराने वेतन दरों पर भुगतान किया जा रहा है, जबकि नियमित कर्मचारियों को सालाना वेतन वृद्धि और महंगाई भत्ते मिलते हैं।
एजेंसियों की मनमानी
जैप आईटी द्वारा तय वेतन दरों के बावजूद, कई एजेंसियां कर्मचारियों की सैलरी में कटौती करती हैं और समय पर वेतन भुगतान नहीं करतीं। साथ ही प्रोविडेंट फंड (EPF) की राशि भी समय पर जमा नहीं होती। अलग-अलग विभाग अलग-अलग एजेंसियों से आउटसोर्स कर्मियों की सेवाएं लेते हैं, जिससे वेतन में असमानता और अन्य समस्याएं बढ़ गई हैं। चर्चा यह है कि “झारखंड प्रोक्योरमेंट ऑफ गुड्स एंड सर्विस मैन्युअल” का उद्देश्य इन विसंगतियों को दूर करना था, लेकिन आज तक यह निर्णय जमीन पर नहीं उतर पाया है।
Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।