Samachar Post रिपोर्टर, रांची : भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज प्रदेश मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान हेमंत सरकार पार्ट 2 पर टेंडर घोटाले और भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हालिया टेंडर को लगभग 50 करोड़ का घोटाला करार दिया और कहा कि इसमें स्थानीय कंपनियों को हिस्सा लेने से रोकने के लिए जानबूझकर कठिन शर्तें लगाई गई हैं। प्रतुल शाहदेव ने बताया कि सिविल सर्जन सह सीएमओ रांची के कार्यालय द्वारा ई-टेंडर संख्या 4374, दिनांक 20 सितंबर 2025 जारी किया गया था, जिसमें नर्सिंग, पैरामेडिकल और अन्य तकनीकी स्टाफ के लिए अर्हता संबंधी आवश्यकताएं बढ़ा दी गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया में बिहार की एक ब्लैकलिस्टेड कंपनी को फायदा पहुँचाने के लिए विशेष रूप से शर्तें तय की गईं हैं।
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मुख्य बिंदु
- सिक्योरिटी मनी (ईएमडी): 2022 में ₹4 लाख थी, इस बार बढ़ाकर ₹15 लाख कर दिया गया।
- सिंगल वर्क ऑर्डर का मूल्य: ₹3 करोड़ से बढ़ाकर ₹15 करोड़ किया गया। ईसीआर (ECR) की आवश्यकता:
- 300 लोगों की जगह इस बार 1500 कर्मचारियों का मानक तय किया गया।
- टर्नओवर की आवश्यकता: पिछले तीन वित्तीय वर्षों में ₹5 करोड़ का टर्नओवर जरूरी था, अब ₹25 करोड़ कर दिया गया।
प्रतुल ने कहा कि “झारखंड के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय ने जिस कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया है, उसे इस टेंडर में शामिल होने के लिए सिर्फ एक ‘अंडरटेकिंग’ देने की अनुमति दी गई है। इससे स्पष्ट है कि सरकार विशेष हित के तहत यह टेंडर तैयार कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की शर्तें स्थानीय कंपनियों के लिए बाधक हैं और केवल बिहार की विवादास्पद कंपनी को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से बनाई गई हैं। प्रतुल ने कहा कि भाजपा इस मुद्दे को सरकार और एसीबी के सामने उठाएगी।
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मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।