Samachar Post रिपोर्टर, रांची : झारखंड में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति नियमावली को अंतिम रूप देने का मामला एक बार फिर रुक गया है। सदस्य राजस्व परिषद की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह सुझाव दिया गया कि वर्तमान में प्रस्तावित दो कैडर की व्यवस्था के बजाय एक ही कैडर बनाया जाए। इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लेने के लिए कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग ने मुख्यमंत्री से मंतव्य लेने का फैसला किया है।
बैठक में उठाए गए मुख्य मुद्दे
सदस्य राजस्व परिषद का मानना है कि दो कैडर होने से नियुक्ति में विसंगतियां और कठिनाइयां उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए राज्य में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के लिए एक ही नियमावली होना अधिक प्रभावी होगा। मुख्यमंत्री के सुझाव और निर्देश के आधार पर कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग आगे बढ़ेगा और नियमावली को अंतिम रूप देगा। पलामू जिले में चतुर्थ वर्गीय पदों पर नियुक्ति को लेकर विवाद के बाद राज्य सरकार ने राज्यभर में इस नियुक्ति प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। यह रोक तब तक लागू रहेगी जब तक नई नियमावली तैयार और लागू नहीं हो जाती।
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नियमावली के प्रस्तावित बदलाव
कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा तैयार प्रारूप में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के लिए दो कैडर बनाने का सुझाव था जिला स्तर पर नियुक्ति उपायुक्त की अध्यक्षता वाली समिति के माध्यम से और राज्य स्तर पर नियुक्ति झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा। इसके अतिरिक्त, नियमावली में जिला स्तर पर स्थानीय निवासियों को प्रतियोगिता परीक्षा में पांच प्रतिशत अंक का लाभ देने तथा राज्य स्तर पर पहले से कार्यरत कर्मचारियों को आयु सीमा में छूट देने का प्रावधान शामिल था।नियमावली का नाम भी बदलकर “झारखंड राज्य बहुद्देश्यीय कर्मचारी सेवा शर्त नियमावली” रखने का प्रस्ताव है। अंतिम निर्णय के बाद ही इस पर अमल किया जाएगा।
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