- मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत के बाद सतर्क हुआ स्वास्थ्य विभाग, रांची-जमशेदपुर समेत राज्य भर के दवा दुकानों में जांच व सैंपलिंग जारी
Samachar Post रिपोर्टर, रांची : मध्य प्रदेश और राजस्थान में जहरीले कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत के बाद झारखंड सरकार पूरी तरह अलर्ट हो गई है। राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय ने तीन कफ सिरप की बिक्री, वितरण और उपयोग पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है। सोमवार को निदेशालय ने सभी सिविल सर्जनों, मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों, चिकित्सकों और खुदरा एवं थोक विक्रेताओं को पत्र भेजकर निर्देश दिए कि इन सिरपों की खरीद-बिक्री तुरंत रोकी जाए। निदेशालय की जांच में सामने आया कि प्रतिबंधित सिरपों में डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) नामक रासायनिक तत्व पाया गया है, जो शरीर के किडनी, लिवर और नर्वस सिस्टम को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। बच्चों के लिए यह बेहद घातक साबित होता है।
इन तीन कफ सिरप पर लगा प्रतिबंध
- कोल्ड्रिफ : इसमें पैरासिटामोल, फिनाइलेफेरिन हाइड्रोक्लोराइड, क्लोराफेनिरामाइन मैलिएट का मिश्रण है। इसका बैच नंबर एसआर-13 और निर्माता श्रीसन फार्मास्युटिकल, कांचीपुरम (तमिलनाडु) है।
- रेस्पीफ्रेश टीआर सिरप : इसमें ब्रोमहेक्सिन हाइड्रोक्लोराइड, टरबुटालाइन सल्फेट, गुआइफेनेसिन और मेन्थॉल मॉलिक्यूल का मिश्रण है। इसका बैच नंबर आर01जीएल2523 बौर निर्माता रेडनेस फार्मास्युटिकल प्रा. लि. अहमदाबार गुजरात है।
- रीलाइफ सिरप : इसमें एम्ब्रोक्सोल एचसीएल, गुआइफेनेसिन, टरबुटालाइन सल्फेट और मेन्थॉल मॉलिक्यूल का मिश्रण है। इसका बैच नंबर एलएसएज25160 बौर निर्माता सेप फार्मा प्रा. लि. राजकोट, गुजरात है।
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राज्य में निरीक्षण और सैंपलिंग शुरू
औषधि नियंत्रण निदेशालय ने सभी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टरों को जांच अभियान चलाने का निर्देश दिया है। रांची, जमशेदपुर, बोकारो, धनबाद समेत कई जिलों में सोमवार को दवा दुकानों का निरीक्षण किया गया और संदिग्ध कफ सिरप के नमूने एकत्र किए गए। रांची के कांके, अरगोड़ा, कडरू और एसएन रोड के मेडिकल स्टोर्स की जांच की गई, वहीं जमशेदपुर में बिष्टुपुर और मानगो क्षेत्र की नौ दवा दुकानों से सैंपल लिए गए।
निदेशालय ने सभी दवा दुकानदारों और अस्पतालों से अपील की है कि यदि राज्य में इन सिरपों का कोई भी स्टॉक मिले, तो तुरंत जानकारी ईमेल के माध्यम से भेजें — directoratedrug.jharkhand@gmail.com
क्या है डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG)?
डीईजी एक जहरीला सॉल्वेंट है जो कभी-कभी सिरप निर्माण में उपयोग किया जाता है। यह शरीर के गुर्दे, यकृत और तंत्रिका तंत्र को गंभीर रूप से क्षति पहुंचा सकता है। इसकी थोड़ी सी मात्रा भी बच्चों के लिए जानलेवा हो सकती है।
“स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं” – स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि राज्य में घटिया या जहरीली दवाओं की बिक्री किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी जिलों के औषधि नियंत्रकों को आदेश दिया है कि संदिग्ध कफ सिरप के नमूने तुरंत जब्त कर नष्ट किए जाएं।मंत्री ने डॉक्टरों और फार्मासिस्टों से भी अपील की कि वे मरीजों को दवाएं लिखते समय और उपलब्ध कराते समय सावधानी व नियमानुसार जांच जरूर करें। उन्होंने कहा, पूरा विभाग 24 घंटे सतर्क है। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।