Samachar Post डेस्क, रांची : भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और आराम के लिए लोअर और मिडिल बर्थ के इस्तेमाल के स्पष्ट नियम बनाए हैं। अक्सर यात्रियों में बर्थ के उपयोग को लेकर भ्रम रहता है, खासकर रात के समय। इन नियमों का पालन कर यात्रियों का सफर व्यवस्थित और सुखद बनाया जा सकता है।
लोअर बर्थ के नियम
लोअर बर्थ को दिन और रात दोनों समय बैठने और सोने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लोअर बर्थ वाला यात्री मिडिल बर्थ पर सो रहे यात्री को नहीं रोक सकता। दिन 6 बजे से रात 10 बजे तक: लोअर बर्थ वाले यात्रियों को मिडिल बर्थ वालों को बैठने की जगह देनी होगी।
मिडिल बर्थ के नियम
रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक: मिडिल बर्थ खोलकर सोने की अनुमति है। दिन 6 बजे से रात 10 बजे तक: मिडिल बर्थ को बंद रखना जरूरी है ताकि लोअर बर्थ वालों को बैठने की जगह मिले। अगर कोई यात्री रात 10 बजे से पहले मिडिल बर्थ खोलता है, तो लोअर बर्थ वाला यात्री उसे रोक सकता है।
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यात्रियों के लिए सलाह
अपनी बर्थ को साफ और व्यवस्थित रखें। दूसरों का सम्मान करें। सामान को सुरक्षित जगह पर रखें। बच्चों या बुजुर्गों के साथ यात्रा करते समय उनकी सुविधा के लिए उपयुक्त बर्थ चुनें। ट्रेन में वॉशरूम, बाथरूम या खाने-पीने की सुविधा सीमित हो, तो यात्रा से पहले जरूरी तैयारी कर लें।
Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।