Samachar Post रिपोर्टर, हजारीबाग:भारत सरकार के महत्वाकांक्षी आदि कर्मयोगी अभियान के तहत हजारीबाग में विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर जनजातीय कार्य मंत्रालय की नमिता कौशिक, उप-विकास आयुक्त इश्तियाक अहमद समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। अधिकारियों ने गांवों का दौरा कर ग्रामीण समस्याओं को समझा और विकास के लिए योजनाएं बनाई, जिन्हें ग्राम सभा में पारित किया गया। इस अभियान के लिए हजारीबाग के 105 गांवों का चयन किया गया है।
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जनजातीय समुदाय के लिए सशक्तिकरण
आदि कर्मयोगी अभियान का उद्देश्य जनजातीय समुदाय को सशक्त करना और जिम्मेदार शासन को बढ़ावा देना है। उप-विकास आयुक्त इश्तियाक अहमद ने बताया कि 2030 तक जनजातीय बहुल गांवों को विकसित करना इस अभियान का लक्ष्य है। प्रत्येक गांव की जरूरतों के अनुसार अलग-अलग विकास योजना बनाई जाएगी।
20 लाख कर्मयोगियों का कैडर
इस अभियान के तहत 20 लाख से अधिक जनजातीय कर्मयोगियों का कैडर तैयार किया जाएगा। ये कर्मयोगी अपनी भाषा, संस्कृति और पहचान बनाए रखते हुए जमीनी स्तर पर बदलाव लाएंगे। गांव वाले खुद विलेज एक्शन प्लान बनाएंगे, जिसमें आदिशक्ति समूह और आदि सहयोग समूह भी शामिल होंगे, और सरकारी कर्मचारी भी इन योजनाओं में योगदान देंगे।
आदि सेवा केंद्र और साप्ताहिक बैठकें
ग्रामीण क्षेत्रों में आदि सेवा केंद्र खोले जाएंगे, जहां हर हफ्ते बैठकें आयोजित की जाएंगी। इन बैठकों में ग्रामीण और सरकारी अधिकारी हिस्सा लेंगे। तैयार किए गए विलेज एक्शन प्लान को केंद्र सरकार के पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा, जिससे योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके। यह अभियान उन गांवों पर केंद्रित है, जहां 50% से अधिक आबादी जनजातीय समुदाय की है।
जनजाति गौरव वर्ष के तहत पहल
आदि कर्मयोगी अभियान 10 जुलाई 2025 को जनजाति गौरव वर्ष के तहत शुरू किया गया। इसका लक्ष्य 550 जिलों और 1 लाख से अधिक जनजातीय गांवों में अंतिम छोर तक सेवाएं पहुंचाना है। यह पहल जनजातीय समुदाय के विकास और उनकी संस्कृति के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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