Samachar Post रिपोर्टर,जमशेदपुर:पूर्वी सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा प्रखंड के मटिहाना गांव से गए 13 प्रवासी मजदूर गुजरात के कच्छ जिले की एक निजी कंपनी में काम करने पहुंचे थे। अब खबर है कि ये मजदूर वहां फंस गए हैं और बेहद खराब स्थिति में रह रहे हैं।
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कुणाल षाड़ंगी ने उठाया मुद्दा
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नेता और बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने सोशल मीडिया पर मजदूरों की स्थिति को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने लिखा कि मजदूरों को न तो पर्याप्त भोजन दिया जा रहा है और न ही उनकी सैलरी। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टैग कर इस मुद्दे को उठाया। इसके बाद मामला सुर्खियों में आया।
परिवारों ने दर्ज कराई शिकायत
मजदूरों के परिजनों ने स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई है। परिवार वालों का कहना है कि मजदूरों की हालत लगातार बिगड़ रही है और कंपनी प्रबंधन उनकी कोई मदद नहीं कर रहा।
सरकार हुई सक्रिय
मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जिला प्रशासन और राज्य श्रम विभाग के प्रवासी नियंत्रण प्रकोष्ठ को तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया। पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने बताया कि मजदूरों से संपर्क हो चुका है और वे सुरक्षित हैं। हालांकि कंपनी उन्हें वापस आने की अनुमति नहीं दे रही है।
मजदूरों की सुरक्षित वापसी की तैयारी
झारखंड सरकार ने गुजरात के अधिकारियों और कंपनी प्रबंधन से बात शुरू कर दी है। राज्य प्रवासी नियंत्रण प्रकोष्ठ की अधिकारी शिखा लकड़ा ने आश्वस्त किया है कि मजदूरों की सुरक्षित वापसी और बकाया वेतन दिलाने के लिए जल्द समाधान निकाला जाएगा।
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