Samachar Post डेस्क, रांची : बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के बीच ‘इंडिया’ गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। इस असमंजस को दूर करने और सहयोगी दलों के बीच तालमेल बनाने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पटना पहुंचे।
मतभेद सामान्य, घबराने की जरूरत नहीं
पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में गहलोत ने कहा कि इतने बड़े गठबंधन में कुछ सीटों को लेकर मतभेद होना असामान्य नहीं है। उन्होंने कहा, 243 सीटों में 5-10 सीटों पर मतभेद होना कोई बड़ी बात नहीं है। ऐसा हर बड़े गठबंधन में देखने को मिलता है। कार्यकर्ताओं का उत्साह, स्थानीय समीकरण और कुछ फ्रेंडली फाइट की स्थिति बनती है, जिसे जरूरत से ज्यादा बढ़ा-चढ़ा कर नहीं देखना चाहिए। गहलोत ने भरोसा जताया कि 1-2 दिनों में सभी भ्रम दूर हो जाएंगे और स्थिति पूरी तरह साफ हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कामकाज व्यवस्थित रूप से चल रहा है और मीडिया में कुछ बातें जरूरत से ज्यादा फैल गई हैं, जिससे माहौल ऐसा बन गया जैसे बड़ा संकट खड़ा हो गया हो, जबकि वास्तविकता में ऐसा कुछ नहीं है।
राजद नेताओं से मुलाकात और गठबंधन को मजबूत बनाने की कोशिश
पटना पहुंचने के बाद गहलोत ने राजद नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात की और सीट बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान पर बातचीत की। सूत्रों के अनुसार, गहलोत का यह दौरा खासतौर पर डैमेज कंट्रोल और कांग्रेस, राजद तथा वाम दलों के बीच तालमेल सुधारने के उद्देश्य से किया गया है।
यह भी पढ़ें: गोड्डा: महिला की गला रेतकर हत्या, चार साल की पोती के साथ सोई थी
विवादित सीटें और गठबंधन की रणनीति
जानकारी के अनुसार जिन सीटों पर गठबंधन दलों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है, उनमें नरकटियागंज, वैशाली, राजापाकर, रोसड़ा, बछवाड़ा, कहलगांव, बिहारशरीफ, करगहर, गौड़ाबोराम, चैनपुर और सिकंदरा शामिल हैं। इन क्षेत्रों में कांग्रेस और राजद सहित अन्य घटक दल आमने-सामने आ सकते हैं, जिससे ‘इंडिया’ गठबंधन की रणनीति प्रभावित हो सकती है।
Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।