Samachar Post रिपोर्टर, रांची : झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में रुंगटा ग्रुप पर गंभीर पर्यावरणीय अतिक्रमण का आरोप लगा है। एंटी करप्शन ऑफ इंडिया (ACI), झारखंड के अध्यक्ष रामहरि गोप ने गुरुवार को डीसी को पत्र सौंपकर और जनसुनवाई के दौरान इस मुद्दे को उठाया। आरोप है कि कंपनी ने खरकाई नदी के जल बहाव क्षेत्र में अवैध रूप से पक्की बाउंड्रीवाल खड़ी की है।
नियमों का उल्लंघन
गोप ने बताया कि किसी भी नदी से 50 मीटर की दूरी तक स्थायी निर्माण पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसके बावजूद रुंगटा प्लांट ने नदी प्रवाह क्षेत्र तक बाउंड्री बना दी, जो कि जल संसाधन विभाग और पर्यावरण मंत्रालय की गाइडलाइंस का सीधा उल्लंघन है।
संवैधानिक अधिकारों पर चोट
अनुच्छेद 21 : हर नागरिक को स्वच्छ जल और स्वस्थ पर्यावरण का अधिकार। अनुच्छेद 48ए : पर्यावरण और वन्य जीवन की रक्षा करना राज्य का कर्तव्य। अनुच्छेद 51ए(जी) : प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य।
गोप का कहना है कि नदी जैसी सार्वजनिक संपत्ति पर निजी कब्जा न केवल असंवैधानिक है, बल्कि स्थानीय जनजीवन और पर्यावरण सुरक्षा पर भी गंभीर खतरा है।
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जन-जीवन और पर्यावरण पर खतरा
नदी के प्राकृतिक प्रवाह में बाधा, भूजल स्तर पर प्रतिकूल असर, बरसात में बाढ़ का खतरा बढ़ना, जैवविविधता का नुकसान और मछुआरा समुदाय की आजीविका पर संकट।
डीसी से प्रमुख मांगें
अवैध निर्माण की तकनीकी और पर्यावरणीय जांच कराई जाए। यदि बाउंड्री नदी के जल बहाव क्षेत्र में पाई जाए तो उसे तुरंत ध्वस्त किया जाए। भविष्य में अतिक्रमण रोकने के लिए नदी किनारे का स्पष्ट डिमार्केशन किया जाए। जिम्मेदार कंपनी और संबंधित अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
“नदी सिर्फ जलधारा नहीं, जीवनरेखा है”- रामहरि गोप
रामहरि गोप ने कहा कि खरकाई नदी सिर्फ पानी की धारा नहीं, बल्कि लाखों लोगों की जीवनरेखा है। इस पर अवैध कब्जा आने वाली पीढ़ियों के अस्तित्व पर संकट है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने समय रहते संज्ञान नहीं लिया तो इसके दुष्परिणाम बाढ़, जल संकट और पर्यावरणीय विनाश के रूप में सामने आएंगे।
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मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।