Samachar Post डेस्क, रांची : नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को देश की अंतरिम प्रधानमंत्री बनाए जाने पर सहमति बन गई है। बुधवार को आंदोलन से जुड़े करीब 5000 जनरेशन Z (Gen-Z) युवाओं ने एक वर्चुअल बैठक के माध्यम से उनके नाम पर समर्थन जताया। इस फैसले को काठमांडू के मेयर बालेन शाह का भी समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि देश अब अंतरिम सरकार की ओर बढ़ रहा है, जिसका उद्देश्य पारदर्शी चुनाव कराकर नया जनादेश प्राप्त करना होगा।
किसान परिवार से निकलीं, BHU से ली शिक्षा
सुशीला कार्की का जन्म एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। वे सात भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। उनके पिता चाहते थे कि वह डॉक्टर बनें, लेकिन उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अलग राह चुनी। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर किया और 1979 में वकालत की दुनिया में कदम रखा।
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नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश
सुशीला कार्की 11 जुलाई 2016 से 6 जून 2017 तक नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रहीं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई ऐतिहासिक और प्रभावशाली फैसले सुनाए।
चर्चित फैसले और विवाद
2012 में उन्होंने पूर्व सूचना मंत्री जयप्रकाश गुप्ता को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराया। इसके अलावा, उन्होंने डीआईजी जयबहादुर चंद की डीजीपी पद पर नियुक्ति को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि यह सरकार की मनमानी और नियमों के खिलाफ है। हालांकि, 2017 में उन पर पूर्वाग्रह और कार्यपालिका में हस्तक्षेप के आरोप लगाते हुए महाभियोग लाया गया था। यह कदम राजनीतिक हलकों में खासा विवादास्पद रहा।
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