Samachar Post रिपोर्टर, रांची : 11वीं झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) परीक्षा से जुड़ी याचिकाओं पर मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ ने कहा कि अदालत के अंतिम आदेश का सीधा असर JPSC की नियुक्ति प्रक्रिया पर पड़ेगा।
कोर्ट का सख्त रुख
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने JPSC के अधिवक्ता को चेतावनी दी कि अगर अगली तारीख तक काउंटर एफिडेविट दायर नहीं किया गया तो आयोग को आगे अवसर नहीं दिया जाएगा। अदालत ने साफ किया कि मामले को अनावश्यक रूप से लंबित नहीं रखा जाएगा।
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याचिकाकर्ताओं की मांग
याचिका दायर करने वाले 54 अभ्यर्थी, जिनमें राजेश प्रसाद भी शामिल हैं, प्रारंभिक परीक्षा में सफल हुए थे लेकिन मुख्य परीक्षा में असफल घोषित कर दिए गए। अभ्यर्थियों ने मेरिट लिस्ट रद्द करने और उत्तर पुस्तिकाओं की दोबारा जांच कराने की मांग की है।
वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने रखी दलील
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार और अधिवक्ता कुमार हर्ष ने अदालत में बहस की और आयोग की परीक्षा प्रक्रिया पर सवाल उठाए।
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