Samachar Post रिपोर्टर, रांची : राज्य में चल रही शराब घोटाले की जांच के बीच एसीबी ने बड़ा कदम उठाया है। 26 अगस्त को की गई कार्रवाई में 2014 से 2022 तक शराब कारोबार से जुड़ी सभी फाइलें जब्त कर ली गईं। इस दौरान एसीबी ने उत्पाद विभाग और झारखंड JSBCL से दस्तावेज़ कब्जे में लिए।
फर्जी बैंक गारंटी का मामला
उत्पाद नीति 2022 के तहत फर्जी बैंक गारंटी के सहारे शराब कारोबार के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। इसी केस में तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे को गिरफ्तार किया गया। छत्तीसगढ़ EOW द्वारा जांच शुरू करने के बाद झारखंड एसीबी ने भी अपनी जांच तेज कर दी।
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2014 तक क्यों बढ़ा जांच का दायरा?
सूत्रों के अनुसार, एसीबी की कार्रवाई से साफ है कि 2014 से ही शराब कारोबार में गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। इसलिए जांच का दायरा बढ़ाकर 2014 तक ले जाया गया है।
सरकार की भूमिका पर सवाल
छत्तीसगढ़ EOW ने उत्पाद नीति 2022 में गड़बड़ी को लेकर विनय चौबे और संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी थी, लेकिन राज्य सरकार ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
इसी पृष्ठभूमि में एसीबी द्वारा 2014 से जुड़ी फाइलें जब्त करने की कार्रवाई को EOW की पहुंच से दस्तावेज़ों को दूर रखने की रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है।
Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।