Samachar Post डेस्क, रांची : झारखंड में बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया एक बार फिर से शुरू हो गई है। खासतौर पर पलामू जिले में, जहां करीब एक महीने पहले 35 से अधिक बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई थी। लेकिन अत्यधिक आरक्षित दरों के कारण उस समय कोई खरीदार सामने नहीं आया था।
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कीमतों में बड़ी कटौती
पहले बालू घाटों की आरक्षित कीमत करोड़ों में तय की गई थी, जिससे निवेशकों ने रुचि नहीं दिखाई। उदाहरण के लिए, पलामू के मेदिनीनगर स्थित सिंगरा बालू घाट की आरक्षित कीमत 231 करोड़ रुपये रखी गई थी। अब नई अधिसूचना के तहत इसे 100 करोड़ रुपये घटाकर 139 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
सिंगरा घाट के लिए बोली लगाने वाले इच्छुक खरीदारों को न्यूनतम 13.90 करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि जमा करनी होगी। यह घाट झारखंड का सबसे बड़ा और महंगा बालू घाट है, जो लगभग 205 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।
नीलामी प्रक्रिया और तारीख
इस बार नीलामी प्रक्रिया में कुल 38 बालू घाटों को शामिल किया गया है। इन्हें 12 अलग-अलग ग्रुप में बांटा गया है। इनमें से 17 घाटों का क्षेत्रफल 5 हेक्टेयर से अधिक है, जबकि दो घाट 5 हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल के हैं। नीलामी में भाग लेने के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 6 अक्टूबर 2025 तय की गई है। पूरी प्रक्रिया ई-ऑक्शन (ऑनलाइन बोली) के माध्यम से होगी। पलामू जिले के खनन पदाधिकारी सुनील कुमार ने नीलामी प्रक्रिया शुरू होने की पुष्टि की है।
पलामू में बालू घाटों का महत्व
झारखंड के सबसे महंगे बालू घाटों की संख्या सबसे अधिक पलामू में ही है। लंबे समय से यहां नीलामी नहीं हो रही थी, जिससे न केवल सरकारी राजस्व प्रभावित हुआ बल्कि स्थानीय आपूर्ति पर भी असर पड़ा। अब नई नीलामी प्रक्रिया से उम्मीद जताई जा रही है कि राजस्व में वृद्धि होगी और स्थानीय स्तर पर बालू की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।