Samachar Post रिपोर्टर, रांची :झारखंड में स्वास्थ्य विभाग की टेंडर प्रक्रिया को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं। मरांडी का कहना है कि विभाग में सुनियोजित लूट और पक्षपात हुआ है और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
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11 टेंडर पर सवाल
बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि दिसंबर 2024 से अब तक GEM पोर्टल के जरिए स्वास्थ्य विभाग ने 11 टेंडर निकाले। इनमें गड़बड़ी के चलते केवल तीन कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया Hind Infraproject Pvt. Ltd., Bharat Art & Supplier,Global Arts & Suppliers.
मिलीभगत का आरोप
मरांडी ने कहा कि ये तीनों कंपनियाँ एक ही पते (Irgu Road, Pahari Tola, Ranchi) पर पंजीकृत हैं। इनके निदेशक/प्रोप्राइटर भी एक ही परिवार से जुड़े हैं ख्वाजा अब्दुल गुदिर अहमद बट,ख्वाजा मोहसिन अहमद,फ़रहान अहमद बट। इन पर आरोप है कि ख्वाजा मोहसिन अहमद एक साथ दो कंपनियों का निदेशक/प्रोप्राइटर हैं।
तकनीकी आधार पर बाहर, लेकिन इन्हें पास
पत्र के अनुसार, जब अन्य कंपनियों ने टेंडर में भाग लेने की कोशिश की तो उन्हें तकनीकी आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया गया। वहीं, इन तीन कंपनियों को योग्यता दी गई और उनके बीच बोलियों में सिर्फ मामूली अंतर था। इससे साफ है कि दरें पहले से तय थीं।
बाजार भाव से ज्यादा भुगतान
मरांडी ने दावा किया कि चिकित्सकीय उपकरण और सुविधाएं वास्तविक बाजार दरों से कहीं अधिक दाम पर खरीदी गईं। इसके साथ ही GEM पोर्टल की Clause 29 का भी उल्लंघन हुआ, जिसके तहत एक ही समूह से जुड़ी कंपनियों की बोलियाँ निरस्त की जानी चाहिए थीं।
स्वास्थ्य मंत्री पर भी आरोप
बाबूलाल मरांडी ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि पूरा मामला स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के संरक्षण में हुआ। उन्होंने मांग की है कि दोषी पाए जाने पर FIR दर्ज कर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। इस मामले पर सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
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