Samachar Post डेस्क, रांची : केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने सालाना जीएसटी रिटर्न फॉर्म GSTR-9 में बड़े बदलावों की घोषणा की है। ये नए नियम 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे और वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए दाखिल किए जाने वाले रिटर्न पर प्रभावी रहेंगे।
नए प्रावधानों के तहत 2 करोड़ रुपये से अधिक सालाना टर्नओवर वाले करदाताओं के लिए GSTR-9 दाखिल करना अनिवार्य होगा।
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फॉर्म में क्या हुए बदलाव?
AMRG & Associates के वरिष्ठ पार्टनर राजत मोहन ने बताया कि सरकार ने GSTR-9 को नया स्वरूप दिया है। इसमें कई नए टेबल्स जोड़े गए हैं, जिनमें शामिल हैं :
- नियम 37, 37A, 38, 42 और 43 के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का रिवर्सल
- आगामी वर्षों में ITC की रीक्लेमिंग
- ट्रांज़िशनल क्रेडिट और आयात से संबंधित ITC
- ऑटो-पॉप्युलेटेड डेटा में मिसमैच की जानकारी
इन बदलावों के चलते टैक्सपेयर्स को अब GSTR-3B, GSTR-2B और वित्तीय खातों का विस्तृत मिलान करना होगा।
विशेषज्ञों की राय
राजत मोहन ने कहा, यह बदलाव एक डेटा-आधारित और प्रिवेंटिव टैक्स सिस्टम की ओर इशारा करता है। इससे विवादों की संख्या घट सकती है, लेकिन सटीक रिकॉर्डिंग और डॉक्यूमेंटेशन बेहद जरूरी होगा।
उनके अनुसार, इन बदलावों से विभागीय अधिकारियों को ऑडिट ट्रेल आसानी से मिलेगा, जिससे करदाताओं को अनावश्यक नोटिस से राहत मिल सकती है।
करदाताओं के लिए जरूरी बातें
विशेषज्ञों का कहना है कि :
- अब रिटर्न भरते समय अधिक पारदर्शिता और सतर्कता बरतनी होगी।
- बड़ी कंपनियों और उच्च कारोबार वाले व्यापारियों के लिए यह बदलाव महत्वपूर्ण है।
- GSTR-9 की नई संरचना में इनपुट टैक्स क्रेडिट, टैक्स भुगतान और अन्य विवरणों की विस्तृत रिपोर्टिंग करनी होगी।
यानी, 22 सितंबर से करदाताओं को सालाना GSTR-9 दाखिल करने में ज्यादा सतर्क और डेटा-केंद्रित होना पड़ेगा।
Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।