Samachar Post डेस्क, रांची : बिहार के गया में कल से विश्वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 2025 की शुरुआत होने जा रही है। 7 सितंबर से 17 दिनों तक चलने वाले इस मेले का उद्घाटन बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा करेंगे। अनुमान है कि देश-विदेश से 15 लाख से अधिक श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे और अपने पितरों की आत्मा की शांति व मोक्ष के लिए पिंडदान करेंगे।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम
जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए टेंट सिटी बनाई है, जिसमें 2500 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है। यहां फैन, कूलर, शौचालय, पेयजल और मुफ्त भोजन की सुविधा उपलब्ध होगी। आधार कार्ड दिखाकर बेड बुक किए जा सकते हैं।
इसके अलावा 60 सरकारी आवास स्थलों में 18,000 तीर्थयात्री रुक सकते हैं। पंडा धर्मशालाओं, निजी घरों और होटलों में भी ठहरने की व्यवस्था की गई है।
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हाईटेक सुविधाएं और धार्मिक आयोजन
मेले में 54 वेदी स्थलों पर वाटरप्रूफ पंडाल बनाए गए हैं, जहां एक साथ 20–25 हजार लोग पिंडदान कर सकेंगे। हर घाट पर पानी, बिजली, चिकित्सा और पुलिस की सुविधा उपलब्ध होगी। साथ ही, इस्कॉन मंदिर रोजाना 2000 लोगों को मुफ्त भोजन कराएगा और विदेशी श्रद्धालुओं के लिए गाइड व अनुवादक की व्यवस्था भी की गई है। पर्यटन विभाग प्रतिदिन फल्गु नदी तट पर भव्य महाआरती का आयोजन करेगा।
सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 6000 पुलिसकर्मी, अश्व पुलिस, बीएसएफ, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को तैनात किया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को 43 जोन और 339 सेक्टर में बांटा गया है, जहां ड्रोन और वॉच टावर से निगरानी होगी। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 102 स्वास्थ्य शिविर और 80 हेल्थ सेंटर बनाए गए हैं। प्रमुख अस्पतालों में 70 बेड आरक्षित रखे गए हैं।
यातायात और परिवहन
गया तक पहुंचने के लिए रेल, हवाई और सड़क तीनों विकल्प उपलब्ध हैं। गया एयरपोर्ट से दिल्ली और कोलकाता के लिए रोज 2 फ्लाइट उपलब्ध हैं। पटना से 6 विशेष ट्रेनें और विभिन्न राज्यों से बस सेवाएं शुरू होंगी। वाहनों के लिए गया कॉलेज खेल परिसर में पार्किंग की सुविधा है।
पितृपक्ष की परंपरा और महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, गया में पिंडदान से पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है। पंडा शंभू लाल बिट्ठल ने बताया कि यही वह स्थान है, जहां भगवान विष्णु ने गयासुर को मुक्ति दी थी और तब से यह परंपरा प्रचलित है।
ई-पिंडदान और टूर पैकेज
जो लोग गया नहीं पहुंच सकते, उनके लिए ₹24,000 का ई-पिंडदान पैकेज उपलब्ध है। इसके अलावा बीएसटीडीसी ने 16,000 से 39,500 रुपये के टूर पैकेज भी लॉन्च किए हैं, जिसमें पुनपुन, गया, राजगीर और नालंदा की यात्रा शामिल है। इस बार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पिंडदान गया मोबाइल ऐप भी उपलब्ध है।
धार्मिक आस्था का प्रतीक
गया का पितृपक्ष मेला सिर्फ धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि हजारों साल पुरानी सनातन परंपरा का जीवंत प्रतीक है। नगर निगम की ओर से सफाई और रोशनी की व्यवस्था को लेकर तीन शिफ्टों में काम चल रहा है।
Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।