
Samachar Post रिपोर्टर, रांची : हजारीबाग जिले के पंकरी बरवाडीह कोल परियोजना से जुड़े रैयतों को बड़ी राहत मिली है। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने बुधवार को सुनवाई के बाद सरकार और एनटीपीसी को निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई तक रैयतों के आवासों पर किसी तरह की कार्रवाई न की जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस अवधि में किसी भी घर को तोड़ने या खाली कराने की कोशिश न हो।
मामला क्या है?
रैयतों की ओर से अधिवक्ता श्रेष्ठ गौतम और हिमांशु हर्ष ने बताया कि एनटीपीसी ने सीबी एक्ट और भूमि अधिग्रहण एक्ट, 1894 के तहत जमीन का अधिग्रहण किया है, लेकिन उसकी शर्तों का पालन नहीं किया गया। आरोप है कि कंपनी पुराने कानूनों के तहत जमीन कब्जा कर रही है और रैयतों को घर से बेदखल करने की कोशिश हो रही है।
वर्तमान कानून के तहत मुआवजे की मांग
वादियों का कहना है कि जब कंपनी अभी घर खाली करा रही है, तो वर्तमान भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार सामाजिक सर्वे और उचित मुआवजा तय होना चाहिए।
किन रैयतों ने लगाई है गुहार?
एनटीपीसी परियोजना क्षेत्र अंतर्गत जुगरा और चेपाकला गांव के बासुदेव साव, अजय कुमार, सुखदेव साव, कन्हैया साव, खीरू साव और रमन साव समेत कई रैयतों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

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