Samachar Post डेस्क, रांची : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग संयुक्त स्नातक स्तरीय (JSSC-CGL) परीक्षा का पेपर लीक नहीं हुआ था। बल्कि पेपर लीक के नाम पर अभ्यर्थियों से ठगी की गई। यह खुलासा अपराध अनुसंधान विभाग (CID) की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल जांच रिपोर्ट में किया गया है।
हाईकोर्ट में सुनवाई जारी
हाईकोर्ट JSSC-CGL परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच CBI से कराने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है। अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 16 सितंबर तय की है। तब तक CID के SP स्तर के अधिकारी को शपथपत्र दाखिल कर अब तक की जांच की जानकारी कोर्ट को देनी होगी।
पिछली सुनवाई में क्या हुआ था
इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और जस्टिस राजेश शंकर की बेंच कर रही है। पिछली तारीख पर CID के DSP स्तर के अधिकारी ने एक शपथपत्र दाखिल किया था। हालांकि कोर्ट की सहमति से उसे वापस ले लिया गया। अब SP रैंक के अधिकारी ही नया शपथपत्र देंगे।
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पेपर लीक नहीं, ठगी का खेल
CID की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि JSSC-CGL परीक्षा का पेपर लीक नहीं हुआ। बल्कि एक गिरोह ने परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों से पेपर लीक कराने का दावा कर धोखाधड़ी की।
अदालत का रुख
हाईकोर्ट ने DSP स्तर के अधिकारी के शपथपत्र को मानने से इनकार कर दिया है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि CID के SP स्तर के अधिकारी अपने शपथपत्र में क्या नई जानकारियां सामने रखते हैं।
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