Samachar Post डेस्क, रांची: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की CGL परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच सीआईडी कर रही है। अब तक की जांच में सीआईडी ने दावा किया है कि पेपर लीक के कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं और कथित पेपर लीक के नाम पर केवल धन उगाही हुई है।
FSL की फॉरेंसिक रिपोर्ट में अहम तथ्य
जांच के दौरान छात्रों ने अपने मोबाइल CID को सौंपे थे। इन मोबाइल की फॉरेंसिक जांच में सामने आया कि व्हाट्सएप चैट की पुष्टि हुई और दो मोबाइल में परीक्षा से एक दिन पहले हुई चैट प्रमाणिक पाई गई। धनबाद के कुमार बी एड कॉलेज से एक छात्र ने समय से पहले परीक्षा के कुछ आंसर की फोटो खींची थी। फॉरेंसिक रिपोर्ट ने लोकेशन, मेटा डेटा और परीक्षा केंद्र पर फोटो खींचे जाने की पुष्टि की। कुल 9 मोबाइल फोन की जांच में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं हुई।
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सीआईडी का दावा: पेपर लीक नहीं हुआ, सिर्फ ठगी हुई
सीआईडी ने स्पष्ट किया कि परीक्षा पेपर लीक नहीं हुआ, बल्कि पेपर लीक के नाम पर ठगी हुई। हाईकोर्ट में इस मामले की सीबीआई जांच के लिए दायर याचिका पर वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने बताया कि JSSC की ओर से दायर शपथपत्र में कहा गया है कि जांच किए गए 9 मोबाइल फोन में कुल 153 आंसर पाए गए, जिनमें से 60 आंसर परीक्षा से संबंधित थे।
मोबाइल में कोई छेड़छाड़ नहीं, पेपर लीक की संभावना न्यून
फॉरेंसिक रिपोर्ट और सीआईडी की जांच के आधार पर यह स्पष्ट हो गया है कि मोबाइल में किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं हुई और पेपर लीक की संभावना बेहद कम है।
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मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।