- 29 जुलाई 2024 के आदेश के बाद भी नियमावली लागू नहीं, कोर्ट ने जताई नाराजगी; अवमानना मामले में व्यक्तिगत पेशी का आदेश
Samachar Post रिपोर्टर, रांची : झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम-1996 (PESA Act) की नियमावली 6 सितंबर 2025 तक लागू करने का सख्त निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश राजेश शंकर की पीठ ने कहा कि यदि निर्धारित समय सीमा में आदेश का पालन नहीं हुआ, तो पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव मनोज कुमार को अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देना होगा।
आदेश की अवहेलना पर कोर्ट की नाराजगी
कोर्ट ने कहा कि 29 जुलाई 2024 को आदेश दिया गया था कि दो माह के भीतर पेसा नियमावली लागू की जाए, लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है। यह न्यायालय की अवमानना का गंभीर मामला है। न्यायालय ने चेतावनी दी कि आदेशों की अनदेखी को हल्के में नहीं लिया जा सकता। साथ ही, अगली सुनवाई में तिथि-वार पूरी जानकारी पेश करने का निर्देश दिया गया कि नियमावली लागू करने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं।
याचिकाकर्ता की आपत्ति और आदिवासी समुदाय का रोष
आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के राष्ट्रीय संयोजक विक्टर माल्टो ने बताया कि आदेश के बावजूद नियमावली तैयार न होने से आदिवासी समुदाय में नाराजगी है। मंच की ओर से हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ने दलील दी कि झारखंड राज्य का गठन आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए हुआ था, लेकिन 1996 में बने पेसा कानून की नियमावली अब तक लागू नहीं हो सकी है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
सरकार की सफाई
राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पेसा नियमावली तैयार करने की प्रक्रिया अभी जारी है। फिलहाल पंचायती राज अधिनियम और अन्य विधानों के जरिए पेसा के कुछ प्रावधान आंशिक रूप से लागू किए गए हैं।
Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।