
Samachar Post डेस्क, रांची : झारखंड सरकार अक्टूबर 2025 में पहली बार ‘धरती आबा जनजातीय फिल्म महोत्सव’ का आयोजन करने जा रही है। इस महोत्सव का उद्देश्य जनजातीय जीवन, परंपराओं और संस्कृति को फिल्मों के माध्यम से राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करना है।
राष्ट्रीय स्तर पर होगा आयोजन
यह महोत्सव केवल झारखंड तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाएगा। इसके लिए देशभर से फिल्म प्रविष्टियां आमंत्रित की गई हैं, ताकि भारत के विभिन्न हिस्सों की जनजातीय कहानियों, जीवनशैली और अनुभवों को एक साझा मंच पर लाया जा सके।
कौन ले सकता है भाग?
महोत्सव में भाग लेने के लिए निम्न प्रतिभागियों को आमंत्रित किया गया है:
- विश्वविद्यालय और कॉलेजों के शिक्षक
- शोधार्थी (Ph.D/M.Phil विद्यार्थी)
- स्नातकोत्तर (PG) छात्र-छात्राएं
प्रतिभागियों को अपने-अपने विभाग या शिक्षक के मार्गदर्शन में फिल्में तैयार करनी होंगी।

किन श्रेणियों में भेज सकते हैं फिल्में?
- फिक्शन फिल्म (कहानी आधारित)
- वृत्तचित्र (डॉक्यूमेंट्री)
- लघु वृत्तचित्र (शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री)
- लघु कथा (शॉर्ट फिल्म)
- एनिमेशन फिल्म
- नया मीडिया/मोबाइल फिल्म
पंजीकरण की अंतिम तिथि
फिल्म भेजने और पंजीकरण की अंतिम तिथि 10 सितम्बर 2025 तय की गई है। विस्तृत जानकारी और पंजीकरण लिंक आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है:
https://www.trijharkhand.in/en/datff
डॉ. रामदयाल मुंडा संस्थान करेगा आयोजन
यह महोत्सव डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान, रांची द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इसे “जनजातीय गौरव वर्ष” की एक खास पहल माना जा रहा है। सरकार का कहना है कि यह आयोजन फिल्म निर्माताओं और विद्यार्थियों को एक बड़ा अवसर देगा, जहां वे कैमरे के जरिए आदिवासी समाज की संस्कृति, कहानियों और जीवनशैली को पूरी दुनिया के सामने रख पाएंगे।

Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।