
Samachar Post डेस्क, रांची : इटकी स्थित यक्ष्मा आरोग्यशाला में चिकित्सा व्यवस्था की बड़ी लापरवाही सामने आई है। नर्स की अनुपस्थिति और इलाज में लापरवाही के कारण 24 घंटे के भीतर दो मरीजों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान अजय नायक (रांची) और विलियम उरांव (गुमला) के रूप में हुई है।
नर्स तबादले के बाद मरीजों की नहीं हुई सही देखभाल
अस्पताल में लंबे समय से केवल एक नर्स कंचनमाला कार्यरत थीं, लेकिन उनका तबादला 31 जुलाई को कर दिया गया। 12 अगस्त तक वे ड्यूटी पर रहीं, लेकिन 13 अगस्त को उन्होंने कार्यमुक्ति ले ली। इसके बाद अस्पताल में नर्स की नियुक्ति नहीं हो सकी और वार्ड में भर्ती मरीज बिना देखरेख के रह गए।
लगातार बिगड़ती रही मरीजों की स्थिति
जानकारी के अनुसार, अजय नायक को 30 जून को इंटर वार्ड में भर्ती कराया गया था। शनिवार की रात उसकी तबीयत अचानक बिगड़ी और रविवार सुबह 6 बजे मौत हो गई। वहीं, गुमला के विलियम उरांव को 7 जुलाई को भर्ती किया गया था, जिनकी सोमवार सुबह मौत हो गई।
मरीजों को समय पर नहीं मिली जरूरी जांच और दवा
टीबी मरीजों को समय-समय पर दवा देने के अलावा ब्लड टेस्ट, एक्स-रे, यूरिन टेस्ट और बुखार की जांच जैसे नियमित उपचार की आवश्यकता होती है। लेकिन नर्स की गैरमौजूदगी में यह सब ठप हो गया। अस्पताल प्रशासन ने वार्ड बॉय और चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों को प्रतिनियुक्त जरूर किया, लेकिन वे मेडिकल सेवा देने में प्रशिक्षित नहीं थे।

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अस्पताल प्रबंधन ने जताई थी चिंता, विभाग ने नहीं सुनी
नर्स के तबादले पर रोक लगाने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने विभाग को पत्र लिखा था और मरीजों की समस्या का हवाला दिया था। बावजूद इसके तबादला नहीं रोका गया। वर्षों से एक मेट्रोन और ए-ग्रेड नर्स के भरोसे चल रही स्वास्थ्य सेवा आखिरकार मरीजों की जान पर भारी पड़ गई।

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मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।