Samachar Post डेस्क, रांची : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा आयोजित सहायक आचार्य परीक्षा 2023 के परिणाम में चौंकाने वाली गड़बड़ियाँ सामने आई हैं। विभिन्न विषयों में जारी परिणामों के दौरान कई ऐसे मामले प्रकाश में आए हैं, जहां एक ही अभ्यर्थी का चयन दो-दो आरक्षित श्रेणियों में कर दिया गया है , जो मौजूदा भर्ती नियमों के पूरी तरह खिलाफ है।
एक अभ्यर्थी दो श्रेणियों में चयनित
सरायकेला-खरसावां जिले के एक अभ्यर्थी का नाम अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) और पिछड़ा वर्ग (BC) , दोनों श्रेणियों की चयन सूची में पाया गया। वहीं, एक अन्य अभ्यर्थी को पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जनजाति (ST) दोनों में सफल घोषित कर दिया गया है।
एक जिले नहीं, दो-दो जिलों में भी चयन
भाषा विषय में शामिल एक अभ्यर्थी का चयन दुमका और पूर्वी सिंहभूम , दोनों जिलों में कर दिया गया है, जबकि नियम स्पष्ट करते हैं कि किसी एक अभ्यर्थी का चयन सिर्फ एक जिले में होना चाहिए। साहिबगंज जिले का भी मामला सामने आया है जहां एक अभ्यर्थी का नाम अनारक्षित श्रेणी और साथ ही अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) में भी सूचीबद्ध है।
परीक्षा विशेषज्ञ ने जताई गंभीर आपत्ति
इस पूरे मामले पर परीक्षा विशेषज्ञ डॉ. मोहम्मद ताहिर हुसैन ने कहा: “नियुक्ति के नियम बिल्कुल स्पष्ट हैं , एक अभ्यर्थी का चयन एक ही श्रेणी और एक ही जिले में हो सकता है। यह गड़बड़ी परीक्षा परिणाम तैयार करने और जारी करने की प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही को दर्शाती है।”
आयोग की चुप्पी पर उठे सवाल
इन गंभीर अनियमितताओं के बावजूद अब तक JSSC की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अभ्यर्थियों में नाराजगी है और कई ने परिणाम की जांच की मांग की है।
अब देखना होगा कि आयोग इस गड़बड़ी को कैसे ठीक करता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई की जाती है।
Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।