- झारखंड की राजनीति को बड़ा झटका, लंबे इलाज के बाद दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में की अंतिम सांस
Samachar Post डेस्क, रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री शिबू सोरेन (81) का सोमवार सुबह दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया । उनके बेटे और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह दुखद जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” पर दी, जिसमें उन्होंने कहा कि पिता के जाने से उनका जीवन “शून्य” जैसा हो गया।
शिबू सोरेन को जून के अंतिम सप्ताह में किडनी संबंधी गंभीर समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से ही वे दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में एक महीने से अधिक समय तक इलाजरत थे।उन्होंने अंतिम दिनों में वेंटिलेटर पर जीवन संग्राम भी लड़ा था।
2005 में पहली बार 9 दिन के लिए बने थे मुख्यमंत्री
शिबू सोरेन का राजनीतिक सफर बेहद उल्लेखनीय रहा। उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना में अहम भूमिका निभाई और आदिवासी अधिकारों के लिए आंदोलन में एक विश्वसनीय आवाज बने। वे झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री रहे। पहली बार 2005 में मात्र नौ दिनों के लिए, उसके बाद 2008‑10 के बीच भी कई कार्यकाल चले। केंद्र सरकार में भी उन्होंने कोल मंत्रालय का जिम्मा संभाला।
हमेशा आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ी
शिबू सोरेन का राजनीति में योगदान सिर्फ कार्यालयों तक सीमित नहीं रहा; उन्हें आदिवासी सामुदायिक नेतृत्व और धरातलीय संघर्षों के लिए “गुरुजी” के नाम से सम्मानित भी किया जाता था।आज उनका निधन झारखंड एवं आदिवासी राजनीति के लिए एक अप्रतिम क्षति है। श्रद्धांजलि स्वरूप, उनके परिवार- बेटे हेमंत सोरेन, बेसंत सोरेन, अन्य परिजनों के साथ-साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा और पूरे आदिवासी आंदोलन समुदाय का गहरा दुख है। शिबू सोरेन की विरासत आदिवासी सशक्तिकरण, स्वराज्य आंदोलन और राज्य निर्माण की लंबी कहानी के साथ जुड़ी है।
शिबू सोरेन एक जमीनी नेता थे : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिबू सोरेन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, “शिबू सोरेन एक जमीनी नेता थे, जिन्होंने जनसेवा के क्षेत्र में निरंतर समर्पण के साथ अपनी पहचान बनाई।” पीएम मोदी ने कहा कि वह विशेष रूप से आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों के सशक्तिकरण के प्रति अत्यंत समर्पित थे। प्रधानमंत्री ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से फोन पर बात कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।