Samachar Post डेस्क, रांची : झारखंड विधानसभा में गोड्डा विधायक प्रदीप यादव द्वारा उठाए गए प्रश्न के बाद, गोड्डा जिले में अडाणी पावर लिमिटेड की परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के मामलों की जांच के लिए झारखंड सरकार ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। यह समिति भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास, पर्यावरण और प्रभावितों को मुआवजा देने संबंधी मामलों की समीक्षा कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।
समिति में शामिल अधिकारी
- मुख्य सचिव, झारखंड – अध्यक्ष
- अपर मुख्य सचिव, ऊर्जा विभाग – सदस्य
- कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग – सदस्य
- वन एवं पर्यावरण विभाग – सदस्य
- जल संसाधन विभाग – सदस्य
- ग्रामीण विकास विभाग – सदस्य
- खाद्य एवं आपूर्ति विभाग – सदस्य
- राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग – सदस्य सचिव
- उपायुक्त, गोड्डा – सदस्य
- निदेशक, ऊर्जा विभाग – सदस्य
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भूमि अधिग्रहण विवाद की पृष्ठभूमि
वर्ष 2017-18 में गोड्डा जिले के मोहनपुर और पोड़ैयाहाट प्रखंडों में अडाणी पावर लिमिटेड की 1600 मेगावाट क्षमता वाली पावर परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहित की गई थी।
प्रभावित किसानों और स्थानीय ग्रामीणों ने मुआवजा, पुनर्वास और रोजगार की मांग को लेकर कई बार आपत्ति दर्ज की थी। विधानसभा में विधायक प्रदीप यादव ने इस मुद्दे को उठाते हुए अधिग्रहण प्रक्रिया और प्रभावितों के पुनर्वास की स्थिति पर सवाल उठाए।
सरकार का रुख
राज्य सरकार ने कहा कि RFCTLARR Act, 2013 के प्रावधानों के तहत भूमि अधिग्रहण, पर्यावरणीय अनुमति, स्थानीय रोजगार और जन सुविधाओं की जांच आवश्यक है। इसलिए गठित समिति मामले की विस्तृत समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।समिति यह देखेगी कि प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा, पुनर्वास और रोजगार मिला या नहीं, और परियोजना के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव क्या रहे।
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मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।