
Samachar Post, रांची : राज्य सराकार ने बोकारो जमीन मामले में वन अधिकारियों को कंटेम्प्ट में दोषी करार देने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। न्यायालय ने अभी इस मामले में सुनवाई की तिथि निर्धारित नहीं की है। दूसरी तरफ उमायुष मल्टीकॉम ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर कर रखा है, ताकि उसको सुने बिना कोई फैसला ना हो। उमायुष मल्टीकॉम प्राइवेट लिमिटेड की कंटेम्प्ट याचिका पर सुनवाई के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने वन विभाग के दो अधिकारियों को दोषी करार दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आलोक में सजा नहीं सुनायी थी। साथ ही दोषी करार दिए गए अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया था। हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 जुलाई 2025 की तिथि निर्धारित की है।
उमायुष मल्टीकॉम प्राइवेट लिमिटेड की ओर से हाइकोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया था। इसमें यह दलील दी गयी थी कि तेतुलिया जमीन प्रकरण में हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को अमली जाना पहनाने (लागू करने) में वन विभाग के अधिकारी व्यवधान पैदा कर रहे हैं। मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने डीएफओ और आरसीसीएफ को अवमानना का दोषी करार दिया। इधर, राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। दूसरी तरफ उमायुष ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर रखा है, ताकि सुप्रीम कोर्ट उसका पक्ष सुनने के बाद ही कोई दिशा निर्देश जारी करे।