
सरोगेसी और एआरटी एक्ट के उल्लंघन पर कार्रवाई की चेतावनी, दस्तावेजों के साथ स्पष्टीकरण अनिवार्य
Samachar Post, रांची : राजधानी रांची के मोराबादी स्थित एएच आईवीएफ एंड इनफर्टिलिटी रिसर्च सेंटर पर बिना वैधानिक निबंधन के क्लिनिक संचालन का आरोप है। इस संबंध में एंटी करप्शन फ्रंट द्वारा दर्ज परिवाद के आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने संस्थान से दस दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। विभाग के उप सचिव धूप प्रसाद द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि द सेरोगेसी (रेगुलेशन) एक्ट-2021 और असिस्टेड रीप्रोडेक्टिव एंड टेक्नोलॉजी (रेगुलेशन) एक्ट-2021 के तहत एआरटी क्लिनिक लेवल-2 के लिए निबंधन के लिए आवेदन दिया गया था। लेकिन आवेदन के साथ मांगे गए जरूरी दस्तावेज जैसे पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, फायर सेफ्टी एनओसी, भूमि से संबंधित अभिमाणित दस्तावेज, और अस्पताल में लगाए गए उपकरणों का पीपीटी विभाग को अब तक उपलब्ध नहीं कराया गया है।
पत्र में स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि अगर दस दिनों के भीतर सभी मांगे गए प्रमाण-पत्रों की अभिमाणित प्रति और उपकरणों की जानकारी पेनड्राइव में प्रस्तुत नहीं की गई, तो संस्थान के निबंधन आवेदन को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि कानून का उल्लंघन करने वाले संस्थानों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे, और बिना निबंधन आईवीएफ या एआरटी क्लिनिक का संचालन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।