
- राज्य सरकार पर घोटाले को दबाने का आरोप, DGP की भूमिका पर भी उठे सवाल
Samachar Post, रांची : झारखंड में एक बड़े शराब घोटाले की आशंका ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस कथित घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराने की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि यह घोटाला महज लापरवाही नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश के तहत किया गया है।
मरांडी ने मंगलवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य सरकार पर तीखे सवाल दागे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में उन्होंने मुख्यमंत्री को कई पत्र लिखे, खास तौर पर 19 अप्रैल 2022 को भेजे गए पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि यदि उस समय सरकार ने कार्रवाई की होती तो आज यह घोटाला सामने नहीं आता।
सीबीआई और ईडी जांच से डर रही है सरकार
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार CBI या ED से जांच नहीं कराना चाहती, क्योंकि इससे सच्चाई सामने आ सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि घोटाले की लीपापोती के लिए सरकार ने एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को आगे किया है। उन्होंने कहा, ACB का सहारा लेकर सरकार असली आरोपियों को बचा रही है। यह सिर्फ दिखावा है।
गिरफ्तारी सिर्फ दिखावा?
भाजपा नेता ने कहा कि तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे और संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह की गिरफ्तारी मात्र एक “डैमेज कंट्रोल” है। अगर जांच CBI से हो, तो कई बड़े राजनीतिक चेहरे बेनकाब हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा शुरुआत से ही संदिग्ध रही है।
झारखंड-छत्तीसगढ़ लिंक का दावा
मरांडी ने इस घोटाले का तार छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले से जुड़ा बताया। उन्होंने कहा कि जब CBI और ED ने सितंबर 2024 में जांच शुरू की और झारखंड के अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया, तो राज्य सरकार घबरा गई। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने इसके बाद ACB को सक्रिय कर 20 मई को आनन-फानन में केस दर्ज कराया, और मात्र एक घंटे की पूछताछ के बाद विनय चौबे को गिरफ्तार कर लिया।
डीजीपी अनुराग गुप्ता पर भी आरोप
बाबूलाल मरांडी ने वर्तमान DGP अनुराग गुप्ता की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ईडी के दो गवाहों पर ACB द्वारा दबाव डाला जा रहा है, ताकि वे अपने बयान बदल दें। मरांडी ने यह भी कहा कि अनुराग गुप्ता को अवैध रूप से डीजीपी के पद पर बनाए रखा गया है।
जनता को जवाब चाहिए: मरांडी
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, झारखंड की जनता को यह जानने का अधिकार है कि मुख्यमंत्री ने 19 अप्रैल 2022 को भेजे गए पत्र पर क्या कार्रवाई की। सरकार सच्चाई को छिपाने की कोशिश कर रही है, लेकिन केंद्रीय एजेंसियों को अपना काम करने से नहीं रोका जा सकता।