छत्तीसगढ़ से एनएचएम को किए गए आरटीआई के जवाब में खुलासा, एनएचएम ने बताया- एनआरएचएम ने जिकित्सा हेल्थकेयर को किसी तरह का अनुभव प्रमाण पत्र नही किया है निर्गत
Samachar Post, रांची : झारखंड में 2017 से 2023 तक 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन करने वाली एजेंसी जिकित्सा हेल्थकेयर लिमिटेड द्वारा फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। झारखंड से सेवा समाप्त होने के बाद एजेंसी ने इस साल मार्च-अप्रैल में छत्तीसगढ़ में डायल 112 का टेंडर भरा था। जानकारी के अनुसार, एजेंसी को टेंडर देने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जिकित्सा हेल्थकेयर ने सबसे कम रेट देकर एल-1 घोषित हुई है, ऐसे में जल्द ही एजेंसी को 112 को ऑपरेट करने से संबंधित वर्क ऑर्डर जारी किया जा सकता है। इधर, जिकित्सा हेल्थकेयर द्वारा छत्तीसगढ़ में टेंडर लेने के लिए कई दस्तावेज जमा किए गए थे, इसमें झारखंड एनएचएम से प्राप्त एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट भी शामिल है। झारखंड सरकार के लोगो के साथ एनआरएचएम के लेटरपैड में एमएमयू सेल इंचार्ज डॉ. डीके सक्सेना का हस्ताक्षर भी है। लेकिन यह एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट पूरी तरह से फर्जी है। इसका खुलासा सूचना का अधिकार के तहत मिले जानकारी से हुआ।
दरअसल, छत्तीसगढ़ के एक एक्टिविस्ट ने जिकित्सा हेल्थकेयर द्वारा जमा किए अनुभव प्रमाण पत्र को संलग्न करते हुए एनएचएम से आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी कि क्या यह प्रमाण पत्र सही है? क्या यह एनएचएम द्वारा निर्गत किया गया है? जिसके जवाब में बताया गया कि पत्रांक 512 (आरसीएच) दिनांक 5 जनवरी 2024 झारखंड रुरल हेल्थ मिशन द्वारा जिकित्सा हेल्थकेयर को अनुभव प्रमाण पत्र निर्गत नही किया गया है।
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आरटीआई के जवाब की कॉपी। |
एमडी एनआरएचएम के फर्जी मेल आईडी से प्रमाण पत्र भेजने की संभावना
एजेंसी ने दावा किया है कि 8 जनवरी 2024 को एमडी एनआरएचएम के मेल आईडी से प्रमाण पत्र भेजा गया था। जिस ई-मेल आईडी से प्रमाण पत्र मिला उसका मेल एड्रेस mdnrhmjharkhand@gmail.com है। यह मेल 8 जनवरी की शाम 7:17 बजे भेजी गई थी। लेकिन संभावना है कि यह मेल आईडी भी फर्जी है। जानकारी के अनुसार, शिकायत मिलते ही एनएचएम भी इस दिशा में जांच कर रही है। चूंकि एमडी एनएचएम के अधिकारिक मेल एड्रेस में झारखंड गर्वमेंट है, लेकिन यह मेल जीमेल आईडी से भेजी गई है।
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इसी ई-मेल आईडी से भेजी गई फर्जी एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट। |
छत्तीसगढ़ डायल 112 का टेंडर वेल्यू करीब 450 करोड़
जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ पुलिस हेडक्वार्टर द्वारा निकाले इस टेंडर की वेल्यू करीब 450 करोड़ है। पूर्व में इसका संचालन राज्य में टाटा ग्रुप द्वारा किया जा रहा था। उसका एग्रीमेंट अगस्त 2023 में खत्म होना था। ऐसे में डायल-112 के लिए पुलिस ने मार्च 2024 में टेंडर जारी किया था।
झारखंड में छह साल 108 का संचालन कर चुकी है जिकित्सा
जिकित्सा हेल्थकेयर द्वारा साल 2017 से 2023 तक यानी छह साल झारखंड में 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन कर चुकी है। शुरूआत में एल-1 होने पर एजेंसी का चयन किया गया था, लेकिन झारखंड में भी टेंडर अवधि खत्म होने के बावजूद एक्सटेंशन पर एक्सटेंशन देकर सालों काम लिया गया। इस बीच एजेंसी को लेकर झारखंड में भी कई तरह के सवाल उठने शुरू हुए थे। सर्विस में खामियों की शिकायत लगातार मिल रही थी। एजेंसी द्वारा गाड़ियों की मेनटेनेंस को लेकर समस्या आ रही थी। जिसके बाद नए सीरे से टेंडर निकालकर झारखंड में नई एजेंसी का चयन किया गया था।
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जिकित्सा हेल्थकेयर द्वारा जमा किया गया फर्जी सर्टिफिकेट। |
शासन स्तर पर होनी है टेंडर की फाइनल प्रक्रिया, भेजी गई है फाइल : प्रदीप गुप्ता
जिकित्सा हेल्थ केयर द्वारा गलत प्रमाण पत्र जमा करने की बात पूछने पर छत्तीसगढ़ डायल 112 के नोडल एडीजी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि टेंडर में 7 कंपनी शामिल हुई थी, जिसमें जिकित्सा एल-1 थी। हालांकि, इसकी फाइनल प्रक्रिया शासन स्तर पर होना है, इसलिए वर्क ऑर्डर जारी करने के लिए फाइल शासन को भेजी गई है। लेकिन इधर जो शिकायत मिल रही है, उसकी भी जांच की जा रही है।
जाने झारखंड के अधिकारियों ने क्या कहा-
मुझे अभी इस बारे में कुछ नही कहना है, अभी उस फाइल को मैं रिव्यू कर रहा हूं। जहां तक मेरी हस्ताक्षर की बात है तो वह फर्जी है।
-डॉ. डी सक्सेना, इंचार्ज, एमएमयू झारखंड।
अब तक यह मामला मेरे संज्ञान में नही आया है। लेकिन अगर कुछ ऐसा है तो शिकायत मिलते ही जांच कर इसपर उचित कार्रवाई की जाएगी। जहां तक जीमेल के मेल आईडी की बात है, ऐसा मेल एमडी एनएचएम के नाम से इस्तेमाल नही होता।
-अबु इमरान, एमडी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन।