स्वास्थ्य मंत्री ने आईएमए-झासा के प्रतिनिधियों के साथ की बैठक, पुलिस विभाग की तरह चिकित्सकों को भी 13 महीने की वेतन देने पर भी सहमति बनी, जल्द जारी होगा आदेश
Samachar Post, रांची : झारखंड राज्य के चिकित्सकों की लंबी पूरानी मांग अब पूरा होने का आसार दिख रहा है। चिकित्सकाें की मांग थी कि झारखंड में छोटे अस्पतालों यानी 50 बेड से कम के अस्पतालों को क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट से मुक्त किया जाए। चूंकि छोटे अस्पतालों पर एक्ट के कई नियामों का बोझ पड़ता है जिससे उसके संचालन में बाधा उत्पन्न होती है। अस्पताल खुलने के बाद कम समय में ही सीईए के कारण अस्पताल बंद होने के कागार पर आ जाते हैं। अब झारखंड में ऐसा नही होगा। बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह के साथ आईएमए और झासा के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि झारखंड में भी हरियाणा व उत्तरप्रदेश की तर्ज पर 50 बेड से कम के अस्पताल को क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट से मुक्त किया जाएगा। इसे लेकर जल्द ही आदेश भी जारी करने का आश्वासन मंत्री की ओर से आईएमए प्रतिनिधियों को दिया गया है। आईएमए झारखंड के सचिव डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि छोटे अस्पतालों को सीईए से मुक्त करने से राज्य के लोगों को इसका सीधा फायदा मिलेगा। बड़े अस्पतालों में जिस इलाज के लिए लाखों खर्च करने पड़ते है वे छोटे अस्पतालों में सस्ते दरों में हो सकेंगे।
इसके अलावा बैठक में साहेबगंज से जुड़ी समस्या, मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट, महिला चिकित्सकों को नाइट ड्यूटी में सुरक्षित माहौल की अनिवार्यता, नेशनल टास्क फोर्स में चिकित्सकों की सहभागिता, लोहरदगा जिले में चिकित्सक और पारामेडिकल स्टाफ को पिछले 2 महीने से वेतन अवरुद्ध जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार नेशनल टास्क फोर्स के गठन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रतिनिधि को सम्मिलित करने पर भी सहमति बनी।
पुलिस विभाग की तरह चिकित्सकों को भी 13 माह का वेतन देने पर भी बनी सहमति
बैठक के दौरान चिकित्सकों काे भी पुलिस विभाग की तरह 13 माह का वेतन देने पर भी सहमति बनी। मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा भी पुलिस सेवा की तरह ही आकस्मिक सेवा है। वहीं, श्रावणी मेला में प्रतिनियुक्त चिकित्सकों के टीए/डीए का अलग से आवंटन देने पर विचार करने की घोषणा स्वास्थ्य मंत्री द्वारा की गई। सहमति हुई कि विभाग द्वारा राज्य/जिला/अनुमंडल स्तरीय जो भी समिति बनाई जाएगी, उसमें पूर्व की तरह आइएमए के एक प्रतिनिधि भी सदस्य के तौर पर शामिल किए जाएंगे।
इन बिंदुओं पर हुई चर्चा
- साहिबगंज उपायुक्त को स्वास्थ्य मंत्री ने मोबाइल पर आवश्यक दिशा निर्देश दिया और कहा कि विभाग द्वारा इससे संबंधित आदेश निर्गत किया जा रहा है। उप-विकास आयुक्त को नोडल के पद से मुक्त करते हुए ऑन ड्यूटी डॉक्टर पर कार्रवाई रोकने का निर्देश दिया गया।
- लोहरदगा व अन्य जगहों पर जहां सिविल सर्जन प्रभार में है, उन्हें डीडीओ घोषित करने संबंधित आदेश यथाशीघ्र निर्गत होगा।
- 23 अगस्त को प्रधान सचिव के साथ हुई बैठक की प्रोसीडिंग यथाशीघ्र निकाला जाए।
- राज्य/जिला/अनुमंडल स्तरीय जो भी समिति बनाई जाएगी, उसमें पूर्व की तरह आईएमए के प्रतिनिधि भी एक सदस्य होंगे।
- महिला चिकित्सकों की सुरक्षा से संबंधित आवश्यक निर्णय लेने पर सहमति बनी।