कॉन्फ्रेंस के दौरान चिकित्सक को सर्टिफिकेट देते स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता। |
इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट, वेनेरोलॉजिस्ट और लेप्रोलॉजिस्ट द्वारा तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस मिड-डर्माकॉन 24 का आयोजन, देश भर के डॉक्टर्स चिकित्सा पद्धति में आए बदलाव पर देंगे व्याख्यान
Samachar Post, रांची : स्टेशन रोड स्थित होटल बीएनआर चाणक्य में शुक्रवार से तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस मिड-डर्माकाॅन 24 का शुभारंभ हुआ। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इस सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार व स्वास्थ्य विभाग यहां के डॉक्टरों के साथ हमेशा खड़ी है। हमने यहां कई बार डॉक्टरों के हित के लिए मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की भी कोशिश की, लेकिन विपक्ष ने मुद्दा बनाकर उसमें अड़चने लगा दी। लेकिन भरोसा दिलाता हूं कि जल्द झारखंड में डॉक्टरों के लिए एमपीए लागू होगा। उन्होंने कहा कि झारखंड हर स्पेशलाइजल्ड ट्रीटमेंट की दिशा में काफी आगे बढ़ रहा है, इसी तरह चर्म संबंधित रोग भी है। झारखंड में इसपर काफी बेहतर इलाज हो रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से यहां कॉन्फ्रेंस का आयोजन बड़े पैमाने पर होता है, देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी एक्सपर्ट डॉक्टर आकर वहां की चिकित्सा क्षेत्र के एडवांसमेंट की जानकारी साझा करते है। निश्चित रूप से इससे चिकित्सकाें को काफी फायदा मिलता है और काफी कुछ सीखने को मिलता है।
राज्य में इस तरह का नॉलेज एक्सचेंज प्रोग्राम होना काफी गर्व की बात है। इससे डॉक्टर जो सीखेंगे उसका लाभ सीधे मरीजों को देंगे। इधर, कॉन्फ्रेंस के पहले दिन सुबह 8:30 बजे से चिकित्सकाें का प्रेजेंटेशन सेशन शुरू हो गया। शाम 6 बजे तक एक्सपर्ट डॉक्टरों द्वारा 50 से ज्यादा अलग-अलग टॉपिक पर अपने विचार रखे गए। एक दर्जन से ज्यादा डॉक्टरों ने त्वचा संबंधित विभिन्न बीमारियों पर अपने रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए।
कॉन्फ्रेंस के दौरान उपस्थित चिकित्सकाें के साथ स्मारिका का विमोचन करते स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता। |
दूसरे राज्यों में ट्रीटमेंट में क्या एडवांसमेंट है, झारखंड के डॉक्टरों को मिलेगा फायदा
ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि इस नेशनल कॉन्फ्रेंस में देश भर से 600 डॉक्टर शामिल हुए है। ये सभी स्कीन, सेक्स ट्रांसमिशन, विटलिगो, साेरयसिस, इंफेक्शन आदि बीमारियों पर तीन दिन तक अपना-अपना सुझाव देंगे। साथ ही देश के अलग-अलग राज्यों में जो इलाज का तरीका है और झारखंड में तो ट्रीटमेंट टेक्निक अपनाए जाते है वह कितना अलग है? आज के समय में सैदर्यता सबसे महत्वपूर्ण है, सभी को सुंदर दिखना है… चाहे बाल को लेकर हो या चेहरे को लेकर। हमे पता चलेगा कि कि हम नॉलेज में कहां पीछे हैं। एक्सपर्ट से जानकारी लेकर इसका लाभ हम सभी अपने-अपने क्षेत्र व राज्य के मरीजों को फायदा पहुंचा सकेंगे।
कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजी के नए दृष्टिकोण पर चर्चा, लाइव डेमोंस्ट्रेशन व पैनल डिस्कशन भी होंगे
डॉ. प्रभात कुमार ने कहा कि अभी हमारे स्कीन रोग के इलाज का फील्ड काफी एडवांस हो चुका है। जैसे लेजर ट्रीटमेंट है, हेयर ट्रांसप्लांटेशन, फेशियल रिसॉल्यूशन की बात हो… उम्र के साथ पता न चले इसे लेकर भी यहां अच्छा काम हो रहा है। इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट, वेनेरोलॉजिस्ट और लेप्रोलॉजिस्ट (आईएडीवीएल) के नेशनल सेक्रेटरी डॉ. भूमेश कुमार ने बताया कि इस सेमिनार में मुख्य रुप त्वचा रोग की नवीनतम चिकित्सा पद्धतियां और रिसर्च पर चर्चा की जा रही है। स्कीन कैंसर की पहचान व उपचार में क्या एडवांसमेंट आएं है इसपर चर्चा होगी। कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजी के नए दृष्टिकोण, इंटरएक्टिव कार्यशैली व लाइव डेमोंस्ट्रेशन और पैनल डिस्कशन भी होंगे।