निदेशक डॉ. राजकुमार ने कहा- एक समय था जब नर्सिंग को निम्न स्तर के पेशे के रूप में देखा जाता था, अब लोग नर्सिंग के महत्व को समझने लगे हैं
Samachar Post, रांची : रिम्स नर्सिंग कॉलेज में 6 से 12 मई तक नर्सिंग सफ्ताह मनाया जा रहा है। इसी क्रम में गुरुवार को नर्सिंग की छात्राओं के लिए “बुनियादी जीवन समर्थन पर मजबूत कौशल विकास” की थीम पर हैंड्स ऑन ट्रेनिंग का आयोजन किया गया। रिम्स निदेशक प्रो. डॉ. राजकुमार इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ राजकुमार ने कहा कि एक समय था जब नर्सिंग को निम्न स्तर के पेशे के रूप में देखा जाता था लेकिन समय के साथ इसमें बदलाव हुआ है और लोग नर्सिंग के महत्व को समझने लगे है। सुपरस्पेशलिटी प्रशिक्षण के साथ नर्सिंग स्टाफ की आवश्यकता सुपरस्पेशलिटी के कुशल संचालन और सर्जरी में बढ़ी है। साथ ही उन्होंने कहा कि आज के इस युग में नर्सिंग को एक महत्वपूर्ण पेशे के रूप में विशेषज्ञों के साथ-साथ समाज द्वारा भी देखा जाता है, बशर्ते नर्सिंग का अभ्यास नैतिक तरीके से किया जाए।
रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार। |
केवल भारत में नहीं बल्कि न्यूयॉर्क और अन्य देशों में भी नर्सिंग पेशे की मांग
डॉ. राजकुमार ने कहा कि नर्सिंग दुनिया भर की बीमार आबादी की सेवा करने वाला पेशा है। नर्सिंग पेशे की मांग न केवल भारत में बल्कि न्यूयॉर्क और अन्य देशों के बड़े और छोटे शहरों में भी है। इस से यही ज्ञात होता है की नर्सिंग आज के दौर का एक महत्वपूर्ण पेशा है। नर्सिंग करने वाले छात्र यदि कौशल विकास के प्रति रुझान रखते हैं तो न केवल भारत में, बल्कि अपने प्रशिक्षण की बदौलत दुनिया भर में सेवा कर सकते हैं। रिम्स निदेशक के अलावा कार्यक्रम में डॉ तुषार, डॉ जया प्रकाश, डॉ सुदीप्तो बनर्जी ने बुनियादी जीवन समर्थन के अलग-अलग विषयों पर अपने ज्ञान साझा किए।