- डॉक्टर बोलें- ज्यादा गर्मी में दिमाग की सुरक्षा परत टूटने लगती है, बीपी बढ़नें साथ ब्रेन हेमरेज का खतरा भी बढ़ जाता
Samachar Post, रांची : मौसम की लगातार उतार-चढ़ाव लोगों में गहरा प्रभाव डाल रही है। तबीयत खराब होने के बाद लोग सीधा अस्पताल पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों की मानें ताे कोविड के बाद करीब 70 से 75 प्रतिशत आबादी के शरीर में बूरा असर पड़ा है। नतीजन, लोगों की इम्यूनिटी भी पहले की तुलना में घट गई है। पूर्व में 3 से 5 दिनों में ठीक हो जाने वाली बीमारी भी अब ठीक होने में 10 से 12 दिन का समय ले रही है। हल्की बीमारी भी शरीर में गंभीर प्रभाव डाल रही है। इसी का नतीजा है कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल के मेडिसिन, न्यूरोलॉजी और कार्डियोलाॅजी ओपीडी में मरीजों की संख्या दोगुनी हो चुकी है। सोमवार को रिम्स के ओपीडी में 1988 रोगी इलाज कराने पहुंचे थे। इसमें 35% के करीब रोगी मेडिसिन, न्यूरो और कार्डियोलॉजी में आए थे।
डॉक्टरों के अनुसार, सबसे ज्यादा लोगों में वायरल फ्लू के अलावा हाई ब्लड प्रेशर और शुगर से पीड़ित हैं। कई रोगी ब्रेन हेमरेज की समस्या लेकर भी भर्ती हो रहे हैं। रिम्स के डॉ. सुरेंद्र कुमार ने बताया कि ब्रेन हेमरेज के मामलों में समान्य दिनों की तुलना में करीब 20% तक इजाफा हुआ है। कारण अनकंट्रोल्ड ब्लड प्रेशर है।
ज्यादा गर्मी में टूटने लगती है दिमाग की सुरक्षा परत
रिम्स के डॉ. बी कुमार का कहना है कि शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने और पसीना निकालकर शरीर को ठंडा करने में दिमाग की अहम भूमिका होती है। तापमान बहुत ज्यादा बढ़ने पर दिमाग के चारों ओर मौजूद सुरक्षा परत ब्लड-ब्रेन बैरियर टूटना शुरू हो सकती है। इससे दिमाग में प्रोटीन और आयन जैसे पदार्थ जमा होने लगते हैं। इससे दिमाग में सूजन होना शुरू हो जाती है। नतीजतन दिमाग सामान्य तरीके से काम करने में संघर्ष करने लगता है। इससे दिमाग में अतिरिक्त प्रोटीन भी जमा होने लगता है। इस वजह से दिमाग में कोशिकाएं मरनी शुरू हो सकती हैं। अगर ऐसा हुआ तो यह सेहत के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
रिम्स में अभी भी भर्ती हैं ब्रेन हेमरेज के 40 से ज्यादा मरीज
रिम्स से मिली जानकारी के अनुसार, रिम्स के विभिन्न विभागाें में ब्रेन हेमरेज के 40 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। इनमें से अधिकांश मरीज पिछले 10 से 15 दिनों के अंतराल में भर्ती हुए हैं। सिर्फ रिम्स ही नहीं, जिले के करीब 10 प्रमुख प्राइवेट अस्पतालों में भी 50 से ज्यादा ब्रेन हेमरेज के मरीजों का इलाज चल रहा है।
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मौसम में बदलाव से बढ़ी मरीजों की संख्या
रिम्स के प्रोफेसर डॉ संजय सिंह ने बताया कि कुछ दिनों पहले मरीजों की संख्या कम हो गई थी, पर मौसम में लगातार बदलाव से फ्लू्, एलर्जी और वायरल के मरीज बढ़ गए हैं। सबसे अधिक अपर रेस्पीरेट्री टैक्ट इंफेक्शन के मरीज बढ़े हैं। इन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है। वहीं, बदलते मौसम के कारण लोगों का बीपी बढ़ा रह रहा है, जिससे ब्रेन हेमरेज के मामले भी बढ़ गए हैं। डॉ संजय के अनुसार भर्ती होने वाले मरीजों में ब्रेन हेमरेज की शिकायत वाले सबसे ज्यादा हैं।
हृदय पर भी बढ़ते तापमान का होता है बुरा असर
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत कुमार के मुताबिक, ज्यादा गर्मी बढ़ने के कारण हमारी रक्त वाहिकाएं फैल जाती हैं। इससे लो ब्लड प्रेशर की समस्या पैदा हो सकती है। लो ब्लड प्रेशर की स्थिति में आपको चक्कर आ सकते हैं, तबीयत घबराने लगती है। यहां तक कि बेहोश भी हो सकते हैं। ब्लड प्रेशर कम होने की स्थिति में आपके हृदय पर ज्यादा भार पड़ता है, क्योंकि उसे हर धड़कन ज्यादा ब्लड पंप करके इसकी भरपाई करनी पड़ती है। ऐसे में आपकी हार्टबीट बढ़ सकती है। ये भी घबराहट का कारण बन सकती है। रिम्स में ब्लड प्रेशर की समस्या लेकर पिछले एक माह से काफी ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। पहले अगर दिन में 50 मरीज आते थें, अभी संख्या बढ़कर 75 से 80 हो गई है।
बीपी कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी, इन बातों का रखे ध्यान @ डाॅ. संजय सिंह, फिजिशियन रिम्स
- तनाव हाई बीपी का सबसे बड़ा कारण है। तनाव के कारण ही युवा भी हाई बीपी के शिकार हो रहे हैं। हाई बीपी स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकती है। इसलिए तनाव न लें।
- अनहेल्दी फुड्स और खराब आदतें भी तेजी से बढ़ाती है ब्लड प्रेशर इसलिए न तो ज्यादा बाहरी फुड्स का सेवन करें और न ही अपनी रूटीन खराब रखें।
- बीपी की दवा भी बीपी बढ़ा सकती है। क्योंकि अगर आपको हाई बीपी है और आप जो दवाएं लेते हैं उससे भी सावधान रहने की जरूरत है। कुछ ठंडी दवाएं जिसमें डिकंजेस्टेंट होते हैं वे भी बीवी को बढ़ा सकती है।
- खाने में नमक का कम से कम प्रयोग करें। क्योंकि हाई सोडियम स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है। यह भी बीपी के साथ स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकती है।
ब्रेन हेमरेज से बचने के उपाय
- रक्तचाप को नियंत्रित रखें।
- धुम्रपान व शराब का सेवन न करें।
- पौष्टिक भोजन का सेवन करें।
- कोलेस्ट्रॉल को कम करें।
- स्वस्थ वजन बनाए रखें।
- नियमित व्यायाम करें।
- डायबिटिक लोग ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखें।