Samachar Post, रांची : चडरी सरना समिति के प्रधान कार्यालय चडरी अखरा में प्राकृतिक महापर्व सरहुल व रामनवमी पूजा को लेकर बैठक की गई। इसकी अध्यक्षता चडरी सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष बबलू मुंडा व संचालन चडरी सरना समिति के प्रधान महासचिव सुरेंद्र लिंडा ने किया। चडरी ग्राम के आदिवासी व सदान भाईयों ने सर्व समिति से प्राकृतिक महापर्व सरहुल व रामनवमी पूजा को हर्षोउल्लास के साथ मनाने का निर्णय लिया। बबलू मुंडा ने कहा कि प्राकृति पर्व सरहुल पुजा की शुरूआत 10 अप्रैल को उपवास व केकड़ा मछली पकड़ना और रात में जल रखाई पुजा के साथ होगा। 11 अप्रैल को पुजा व सरहुल शोभायात्रा और 12 अप्रैल को फुल खोंसी किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि झारखंड राज्य अलग हुए 24 वर्ष हो गया लेकिन किसी भी सरकार ने झारखंड का प्रकृति महा पर्व सरहुल का शुद तक नहीं लिया। झारखंड आदिवासी मूलवासी के नाम से अलग जरूर हुआ लेकिन झारखंड के आदिवासी मूलवासी का तीन दिनों तक मनने वाला इतना बड़ा त्योहार में किसी भी सरकार ने राजकीय अवकाश का घोषणा तक नहीं किया। राज्य सरकार अभिलंब प्राकृति महा पर्व सरहुल पर तीन दिनो का राजकीय अवकाश का घोषणा करे।
सरहुल पुजा में पूर्वजों द्वारा परंपरागत व्यवस्था ढंग से करें पुजा पाठ
सुरेंद्र लिंडा ने कहा कि प्रकृति महापर्व सरहुल पुजा में पूर्वजों द्वारा परंपरागत व्यवस्था ढंग से पुजा पाठ करें। सभी सरना धर्मा लांबियो पुरखा द्वारा दी गई अपनी परांपरागत झांडा को अपने अपने घरों में जरूर लगाएं। सरहुल शोभायात्रा में परंपरागत वेशभूषा व पारंपरिक वाद्य यंत्र लेकर सरहुल शोभायात्रा में शामिल हो। सरना सदान प्रकृति महा पर्व सरहुल मनाने के बाद रामनवमी को भी हर्षो उल्लास के साथ चडरी सरना समिति मनाएगी। बैठक में मुख्य रूप से समिति के मुख्य सलाहकार कुमोद कुमार वर्मा, केंद्रीय कोषाध्यक्ष राजेश मुंडा, पुजा समिति अध्यक्ष सबलू मुंडा, सागर भगत, बिलटु पहान, गुड्डू पहान, आकाश पहान, विक्की मुंडा, बादल लिंडा, अमन दीप मुंडा, प्रेम लिंडा, मंगल मुंडा व अन्य उपस्थित थे।
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