Samachar Post, रांची : ऑर्किड मेडिकल सेंटर द्वारा होटल रेडिशन ब्लू में 28 अप्रैल को क्रिटिकॉन के चौथे सीजन का आयोजन किया जा रहा है। इसमें क्रिटिकल केयर चिकित्सा में आ रहे नए-एडवांस तकनीक की जानकारी चिकित्सक एक दूसरे के साथ साझा करेंगे। क्रिटिकॉन-4.0 को लेकर गुरुवार को ऑर्किड अस्पताल के चेयरमैन डॉ. एससी जैन, सीईओ डॉ. पीके गुप्ता, क्रिटिकल केयर के हेड डॉ. सौरभ कुमार और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कर्नल अंजनी कुमार ने प्रेसवार्ता कर उक्त जानकारी दी। डॉ एससी जैन ने बताया कि क्रिटिकॉन 4.0 झारखंड के सबसे बड़े क्रिटिकल केयर कॉन्फ्रेंस के रूप में आर्किड मेडिकल सेंटर की ओर से विगत चार वर्षों से आयोजित किया जा रहा है। क्रिटिकॉन एक प्रकाशस्तंभ के रूप में जाना जाता है, जो क्रिटिकल केयर के पथ को रोशन करता है। डॉ. पीके गुप्ता ने कहा कि इस क्रिटिकल केयर कॉन्फ्रेंस में विश्व प्रसिद्ध नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ ऐंड न्यूरोसाइंसेज़, बैंगलोर की डॉ. डी इंडिरा देवी मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहेंगी। जबकि आरएन टैगोर अस्पताल कोलकाता के डॉ. कौशिक एस न्यूरोसाइंस पर अपना वक्तव्य रखेंगे। साथ ही मेदांता अस्पताल लखनऊ के निदेशक एवं कार्डियोलॉजिस्ट डॉ नकुल सिन्हा हृदय रोग के चिकित्सा पद्धति पर हो रहे विकास पर अनुभव साझा करेंगे।
झारखंड के डॉक्टर्स भी चिकित्सा क्षेत्र में आ रहे एडवांसमेंट पर साझा करेंगे अपने अनुभव
इन वक्ताओं के अलावा झारखंड के चिकित्सक भी वक्ता के रूप में अपना अनुभव साझा करेंगे। इन वक्ताओं में ऑर्किड अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ मुनेश्वर कुमार, क्रिटिकल केयर के हेड डॉ सौरभ कुमार, पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ निशीथ कुमार, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ प्रियंका सिन्हा, न्यूरोसर्जन डॉ विक्रम सिंह, न्यूरोलॉजिस्ट डॉ गोविन्द माधव, गैस्ट्रोएंटोलॉजिस्ट डॉ. जयंत कुमार घोष व अन्य शामिल हैं। इस सम्मलेन में बिहार, झारखंड एवं ओडिशा के कई चिकित्सक भाग लेंगे।
नर्सों को विशेष प्रशिक्षण देने के लिए नर्सिकॉन का आयोजन
क्रिटिकॉन-4.0 के एक दिन पूर्व यानी 27 अप्रैल को ऑर्किड अस्पताल द्वारा नर्सों को विशेष प्रशिक्षण देने के लिए नर्सिकॉन-1.0 का अायोजन करमटोली स्थित आईएमए भवन में किया जा रहा है। इसका मूल उद्देश्य रांची के क्रिटिकल केयर नर्सिंग को आधुनिक चिकित्सा पद्धति से अवगत करना और अन्य चिकित्सीय जानकारी साझा करना है। सभी जानते हैं कि किसी भी अस्पताल में नर्सों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, खासकर गंभीर रूप से बीमार मरीजों की देखभाल में। रोगी की अच्छी देखभाल के लिए नर्सों को नवीनतम नर्सिंग पद्धतियों से अवगत रखना आवश्यक है।
राज्य की नर्सों को सीखने और खुद को उन्नत करने का मिलेगा मौका
सत्र में बीएलएस, एसीएलएस, सेंट्रल लाइन प्लेसमेंट एंड केयर, शॉक- हेमोडायनामिक लक्ष्य एबीजी एवं अंत में नेबुलाइजेशन की वर्कशॉप होगी। यह नर्सिंग सम्मेलन राज्य की नर्सों को प्रेरित करने, सीखने और खुद को उन्नत करने का माहौल बनाने में मदद करेगी। इस नर्सिंग सम्मलेन में रांची के कई अस्पताल जैसे- मेदांता अस्पताल, पारस अस्पताल, मेडिका अस्पताल, राज अस्पताल, आदि अन्य कई अस्पताल के नर्सों हिस्सा लेंगी।