- गढ़वा और पलामू के मोस्ट वांटेड छोटू रंगसाज की रांची में दिनदहाड़े हत्या, पत्नी के साथ ईद की खरीदारी करने गया था, तभी मारी गई गोली, छोटू रंगसाज पर हत्या व रंगदारी सहित 26 आपराधिक केस दर्ज थे।
Samachar Post, रांची : मेन रोड में कपड़ा मंडी के पास शनिवार को अपराधियों ने भरे बाजार में दिनदहाड़े गोली मारकर बाजुउद्दीन उर्फ छोटू रंगसाज की हत्या कर दी। छोटू गढ़वा और पलामू का मोस्ट वांटेड था। उस पर हत्या और रंगदारी जैसे 26 आपराधिक केस दर्ज थे। जिस समय घटना हुई, उस समय एसएसपी समाहरणालय में शांति समिति की बैठक कर रहे थे, जबकि रांची पुलिस मेन रोड में फ्लैग मार्च कर रही थी। इसी बीच अपराधी घटना को अंजाम देकर फरार हो गए। एसएसपी चंदन सिन्हा ने डेली मार्केट थाना प्रभारी उत्तम कुमार उपाध्याय को निलंबित कर दिया है।
घटना शनिवार दोपहर करीब 3:15 बजे हुई। छोटू अपनी पत्नी के साथ ईद की खरीदारी करने आया था। तभी दो बाइक पर सवार अपराधी वहां पहुंचे और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। गोली उसकी गर्दन और पेट में लगी। स्थानीय लोगों ने उसे तत्काल राज अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। छोटू कांटाटोली के पास मौलाना आजाद कॉलोनी में रहता था। मृतक की पत्नी ने शाबीर और मिंटू पर हत्या करने का आरोप लगाया है। उसने पुलिस को बताया कि छोटू के साथ इन दोनों की पुरानी दुश्मनी थी।
कांके और चंदवे में जमीन की खरीद-बिक्री करता था, जमीन विवाद हो सकती है वजह
घटना की सूचना मिलते ही सिटी एसपी राजकुमार मेहता, कोतवाली डीएसपी प्रकाश सोय और लोअर बाजार थाना प्रभारी दयानंद पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला। पुलिस के मुताबिक छोटू फिलहाल चंदवे और कांके थाना क्षेत्र में जमीन की खरीद-बिक्री का काम कर रहा था। पुलिस को आशंका है कि उसकी हत्या का कारण जमीन विवाद हो सकता है। उधर, भीड़भाड़ वाले इलाके में दिनदहाड़े हत्या होने से लोगों में रोष है। स्थानीय लोगों का कहना था कि पर्व-त्योहार के समय भरे बाजार में हत्या कर दी जाती है और पुलिस देखती रह जाती है। लोगों के आक्रोश को देखते हुए घटनास्थल पर सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है।
नक्सलियों से लड़ने के लिए बनाई थी ओम अली सेना
छोटू का नाम शैलेश केसरी हत्याकांड, गढ़वा का डबल हत्याकांड, पलामू के कारू सिंह हत्याकांड, गढ़वा बस स्टैंड गोलीकांड सहित दर्जनों हत्याओं से जुड़ा है। वह गढ़वा में वर्ष 2000 से ही आपराधिक गतिविधि में शामिल था। वर्ष 2009 में जेल भी जा चुका है। 2010 में जेल से निकलने के बाद से लगातार सिर दर्द बना हुआ था। उसने 1994 में नक्सलियों से लड़ने के लिए ओम अली सेना भी बनाई थी।
क्या कहते हैं अधिकारी
एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने कहा जिसकी हत्या हुई है, वह शातिर अपराधी था। कई अपराधियों से उसकी दुश्मनी थी। आपसी दुश्मनी में ही उसकी हत्या की गई है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। किसी भी परिस्थिति में अपराधी नहीं बचेंगे।
(न्यूज सोर्स : दैनिक भास्कर डॉट कॉम)