RIMS Ranchi : रिम्स गर्ल्स हॉस्टल, न्यूरो व ऑर्थो के सभी रिपोर्ट नेगेटिव
रिम्स के डॉक्टर नर्स समेत अन्य मरीजों में नहीं हुई कोरोना की पुष्टि, सभी संक्रमण के खतरे से हुए दूर
DainikUpdate24x7, Ranchi :रिम्स कोरोना के खतरे से सुरक्षित है। दो विभाग और एक गर्ल्स हॉस्टल से मिले कोरोना संक्रमित के बाद भी अन्य लोग अब तक सुरक्षित है। रविवार को न्यू गर्ल्स हॉस्टल, न्यूरो और ऑर्थोपेडिक विभाग के सभी डॉक्टर नर्स समेत मरीज संक्रमण के खतरे से बाहर हैं। सभी की रिपोर्ट जांच के बाद नेगेटिव आयी है। बीते 2 जून को न्यू गर्ल्स हॉस्टल से दो इंटर्न में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। एक बिहार और दूसरी गोरखपुर से रिम्स लौटी थी। ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर उनका जांच किया गया जिसकी रिपोर्ट में कोरोना की पुष्टि हुई थी। इसके बाद गर्ल्स हॉस्टल के तीसरे तल्ले को सील कर सभी छात्राओं को अलग अलग कमरे में रखा गया था। सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद छात्राओं ने राहत की सांस ली।
आज से ड्यूटी करेंगे ज्वाइन
हॉस्टल सील करने के बाद सभी इंटर्न की ड्यूटी पर रोक लगा दी गई थी। हॉस्टल से सभी मूवमेंट को बन्द कर दिया गया था। स्टूडेंट वेलफेयर काउंसिल के डीन डॉ आरके पांडेय ने बताया कि सोमवार से सभी ड्यूटी ज्वाइन कर सकेंगी। जांच में सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आयी है।
न्यूरो और ऑर्थो में भी संक्रमण का खतरा नहीं
रिम्स न्यूरो आईसीयू के सभी 32 और ऑर्थो के करीब 28 डॉक्टर व मेडिकल कर्मियों की करोना जांच रविवार को निगेटिव आई। सभी डॉक्टरों ने शनिवार को कोरोना जांच के लिए सैंपल दिया था। इसमें न्यूरो वार्ड के करीब दो दर्जन मरीजों का भी सैंपल लिया गया है। न्यूरो विभाग के एचओडी डॉक्टर अनिल ने बताया कि अभी डॉक्टरों व मेडिकल कर्मचारियों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद न्यूरो आईसीयू मंगलवार से मरीजों के लिए खोल दिया जाएगा। नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद विभाग के सभी डॉक्टरों व कर्मियों में राहत भरी सांस ली है।
चार जून को न्यूरो आईसीयू में एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत हो जाने के बाद डॉक्टरों के बीच हड़कंप मच गया था। डॉक्टरों ने जिला प्रशासन और सिविल सर्जन के यहां से रिपोर्ट नहीं आने की शिकायत की थी, साथ ही परिजनों पर भी आरोप लगाया था कि रिपोर्ट की जानकारी होने के बाद भी उन्हें नहीं बताया गया। जबकि मरीज की जांच रिपोर्ट मेडिका अस्पताल द्वारा दो जून को ही परिजन व सिविल सर्जन को भेज दी गई थी। उस वक्त मरीज मेडिका में ही भर्ती था, उसके बाद उसे रिम्स में भर्ती कराया गया था।